अब फर्जीवाड़े में फंसे पूर्व महामंडलेश्वर सचिन दत्ता, मामला दर्ज

Update: 2015-12-03 15:20 GMT




नोएडा : सेक्टर-18 में एक नामी नाइट क्लब चला चुके सचिन दत्ता के महामंडलेश्वर बनने के बाद उठे विवाद में जहां उनकी पदवी छीन ली गई थी, वहीं अब उनके खिलाफ अमानत में खयानत, धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने की एफआईआर दर्ज की गई है। महामंडलेश्वर बनने के दौरान सच्चिदानंद महाराज (सचिन दत्ता) ने श्री बालाजी कंस्ट्रक्शन नाम की रियल एस्टेट कंपनी से अपना कोई भी कनेक्शन होने से इंकार किया था।

अब इंदिरापुरम अहिंसा खंड में बालाजी रेजिडेंसी के छह निवासियों ने उनके फ्लैट पर बिना उनकी जानकारी के लोन लेने की शिकायत की है। क्राइम ब्रांच ने आरोपों को सही पाया और एसएसपी के निर्देश पर सचिन दत्ता के अलावा पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड के चेयरमैन समेत कुल 9 पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सचिन दत्ता का सेक्टर-41 में घर है।

जानकारी के अनुसार मामला मामला कोतवाली सेक्टर 58 क्षेत्र का है। जहां अहिसा खंड द्वितीय इंदिरापुरम स्थित बालाजी रेजीडेंसी में प्रशांत श्रीवास्तव, विवेक दुआ, अनुराग गोयल, राजबीर समाधिया सहित 6 पीड़ितों ने फ्लैट लिया है। इस सोसाइटी का निर्माण बालाजी कंपनी ने कराया था। कंपनी के मुख्य हिस्सेदार पिछले दिनों चर्चा में आने वाले पूर्व महामंडलेश्वर सचिन दत्ता हैं। पीड़ितों ने 2006 से 2010 के बीच में फ्लैट खरीदा। इस दौरान एलॉटमेंट व पजेशन लेटर और रजिस्ट्री हुई। सभी अपने फ्लैट में रहते हैं, और समय पर बैंक लोन की किस्त चुका रहे हैं।



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