लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज संसद में पेश आम बजट में उत्तर प्रदेश की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बजट में लेकिन सूबे को उसकी आबादी के लिहाज से जरूरी धन नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘आम बजट में उत्तर प्रदेश के हितों की अनदेखी की गई है। प्रदेश की आबादी के लिहाज से उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। यह बजट दिशाहीन और गरीब विरोधी है।’ उन्होंने कहा है कि बजट में आगरा-लखनउ एक्सप्रेस-वे सहित प्रदेश की अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी जरूरतों के लिए भी बजट में कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ये बजट तो पुराने गाने का रिपीट है।
Central budget. They are playing the same old song. Would rather listen to 'Hymn for the Weekend'.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 29, 2016
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गोरखपुर में एम्स स्थापित करने के लिए नि:शुल्क जमीन की व्यवस्था की। साथ ही, बिजली देने का भी निर्णय लिया लेकिन केन्द्रीय बजट में इसके लिए धनराशि का प्रावधान नहीं किया गया है।
अखिलेश ने कहा कि बजट में किसानांे नौजवानों अल्पसंख्यकों पिछडों कमजोर वगार्ंे तथा महिलाओं के लिए कोई नयी योजना पेश नहीं की गयी है। उन्होंने बजट को आंकडों की बाजीगरी बताते हुए कहा है कि इससे आम आदमी के जीवन में कोई गुणात्मक बदलाव नहीं आएगा।
मुख्यमंत्री ने बजट को किसान और नौजवान विरोधी बताते हुए कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। साथ ही बुन्देलखण्ड तथा पूवार्ंचल के पिछडेपन को दूर करने के लिए कोई दीर्घकालिक रणनीति अथवा निधि का जिक्र नहीं किया गया है।