लखनऊ
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी बसों को जलाने व उनमें तोड़फोड़ करने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के सभी डीएम व एसएसपी को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा है कि सरकारी बस में तोड़फोड़ करने व उसे जलाने के मामलों में अगर छात्र दोषी मिलें तो उनको सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य करार दे दिया जाए। प्रबंध निदेशक के रवींद्र नायक ने मंगलवार को प्रदेश के डीएम एवं एसपी-एसएसपी को रिमाइंडर पत्र भेजकर खास निर्देश दिए।
उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार ‘दि प्रिवेंशन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट’ का हवाला देते हुए निगम की सरकारी बस तोड़ने व आग लगाने वाले आंदोलनकारियों पर कार्रवाई करुने का निर्देश दिया है। इसके तहत जो छात्र बस में तोड़फोड़ करता मिले उसे साक्ष्य का हवाला देकर सरकारी एवं गैरसरकारी नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दें।
यदि आम आदमी ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाए तो उसको भी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाए।