शरारती तत्वों ने दहशत फैलाने के लिए लाल कपड़े में लोहे के टुकडो को फैका पटरी पर

Update: 2016-02-21 12:10 GMT


चित्रकूट जफ़र अहमद
चित्रकूट में एक बार फिर बम की सूचना पर हड़कम्प मच गया। मामला चित्रकूट के भरतकूप रेलवे स्टेसन के पास का है जहाँ देर रात गेट मैंन ने रेलवे लाइन में लाल कपडे में बंधी संदिग्ध वस्तु की जानकारी स्टेशन मास्टर को दी। आनन फानन में bds टीम को भी इसकी सूचना दी गयी। साथ ही भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची व रेलवे ट्रैक पर मिली संदिग्ध वस्तु को रेल ट्रैक से दूर किया गया। बम निरोधक दस्ते ने जब आकर मामले की छान बीन की तो पता चला की शरारती तत्वों ने दहशत फैलाने के लिए लाल कपड़े में लोहे के टुकड़ो, तारों व टेलीविजन के पार्टों को जोड़कर संदिग्ध वस्तु को बम की शक्ल दी थी । बम होने की सुचना पर आर पी एफ के कमांडेंट आशीष मिश्रा और एस पी केशव कुमार चौधरी भी मौके पर पहुच कर जायजा लिया। और उन्होंने भी इसे शरारती तत्वों की करतूत बताया।


बता दे कि बीती रात्रि में दो शारारती तत्वों ने भरतकूप स्टेशन के केबिन नम्बर 487 के पास रेल पटरी में लाल कपडे में संदिग्ध वस्तु रस्सी से बाँध कर भाग निकले उसी दौरान केविन में मौजूद गेट मैंन मोटर सायकिल का नम्बर देखा जो यूपी 90 ई 6343 था । उसी बाइक से आये दो युवको ने रेल पटरी में जाकर हरकत की । गेटमैन ने उसके बाद रेल पटरी में जाकर देखा तो पता चला कुछ लाल कपडे में बंधा हुआ है।




इसकी सुचना गेट मैंन ने स्टेशन मास्टर को सुचना दी उसके बाद स्टेशन मास्टर ने ईS मैसेज को पुलिस को पास किया । इस दौरान कई ट्रेने चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन में खड़ी रही। बाद में रेल पटरी में बम की सुचना पर जांच के लिये बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुचा और जब जांच की तो लाल कपडे में टेली विजन का कोई पार्ट निकला। मौके पर आर पी एफ के कमांडेंट आशीष मिश्रा और चित्रकूट एस पी के के चौधरी भी पहुचे और कहा यह शरारती तत्वों का कार्य है । मामले की जांच की जा रही है कार्यवाही की जायेगी।



आपको यह भी बता दें की पिछले माह की 29 जनवरी को मानिकपुर रेलवे जंक्शन में महानगरी एक्सप्रेस में एक शक्तिशाली टाइम बम मिला था। जिसको bds की टीम डिफ्यूज तक नहीं कर पाई थी बाद में मजबूरन उस बम को विस्फोट कराकर ख़त्म किया गया था। और उस घटना के बाद आज जब भरतकूप स्टेशन के पास रेल पटरी में बम होने की सुचना मिलने पर रेल प्रशासन के हाँथ पैर फूल गए। आज भले ही यह सूचना शरारती तत्वों की रही हो किन्तु शांति प्रिय माने जाने वाले बुन्देलखण्ड में आतंकियों की नजर होने से इंकार नही किया जा सकता है क्योकि इसके पहले 2010 में संपर्क क्रांति exp. में महोबा के पास भी टाइम बम मिल चुका है।

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