इस्लाम देता है दीन व इंसानियत की खिदमत का पैगाम: इमाम-ए-काबा

Update: 2016-04-06 05:55 GMT



सहारनपुर दिनेश मोर्य

इमाम-ए-काबा शेख डॉ सालेह बिन मोहम्मद अल तालिब ने कहा कि तालीम की रोशनी में दीन तथा इंसानियत की खिदमत करने का पैगाम इस्लाम से मिलता है।



इमाम-ए-काबा डॉ सालेह बिन मोहम्मद अल तालिब देवबंद स्थित मस्जिद रशीदिया में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की दावत पर यहां पहुंचे थे। इमाम-ए-काबा ने इस दौरान दारूल उलूम के तलबा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि इस्लाम आपसी भाईचारे व शान्ति का संदेश देता है।



इस दौरान अपने संक्षिप्त सम्बोधन में इमाम-ए-काबा ने दारूल उलूम देवबंद द्वारा दीनी तालीम के क्षेत्र मंे दी जा रही इस्लामिक शिक्षा की सेवाओं का भी उल्लेख किया। इमाम-ए-काबा डॉ सालेह बिन मोहम्मद अल तालिब ने मुस्लिम समाज से आपसी एकता पर जोर देते हुए इसे वक्त की अहम जरूरत बताया। उन्होने उलेमा-ए-देवबंद की मिसाली सेवाओं का उल्लेख करते हुए दारुल उलूम देवबंद को विश्व स्तर का एक आदर्श इस्लामिक शैक्षिक संस्थान करार दिया है। इस दौरान ज़मीयत उलूमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदीनी एंव दारूल उलूम के मोहतमीम मौलाना मुफ्ती अब्दुल कासिम नौमानी मुख्य रूप से मौजूद रहे।


सुरक्षा के रहे कड़े बन्दोबस्त
इमाम-ए-काबा का हैलीकाॅप्टर जामिया तिब्बीया कालेज के मैदान में उतरा उसके बाद वह कार द्वारा सीधे दारूल उलूम में पहुंचे जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उसके बाद रशीदिया मस्जिद में ज़ौहर की नमाज़ अदा की गयी। जहां पहले से ही लाखो की तादाद जन सैलाब उमड़ा था। नमाज़ के बाद इमाम-ए-काबा ने विश्व शान्ति के लिये अमनओ चैन की दुआएं की गयी। इस दौरान देवबंद के दारूल उलूम क्षेत्र के आस-पास जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किये गये थे।

Similar News