थाना सोरों पुलिस ने कुख्यात कासगंज-बदायूं सीमा पर दुर्गम स्थान पर गंगा नदी के रास्ते नाव/स्टीमर से जाकर कटरी इलाके में छापा मारकर दो अवैध शस्त्रों की फैक्ट्री बरामद करने में और 3 अपराधियों को गिरफ़्तार करने में सफलता हासिल की। भारी मात्रा में तैयार देसी तमंचे एवं राइफ़ल (कुल 22) तथा काफी मात्रा में ऐसी निर्माण-सामग्री भी बरामद करने में सफलता प्राप्त की जिनसे थोड़ी ही देर में कुल 50 और शस्त्र बनाये जा सकते थे।
एसपी सुनील कुमार ने कहा कि यह मेरी पुलिस की शानदार क़ामयाबी है जिसके लिए अभी तक की सूचना के अनुसार आईजी अलीगढ़ रेंज, एडिशनल डीजी आगरा ज़ोन, उत्तर प्रदेश के एडिशनल डीजी (कानून व्यवस्था) ने अभी तक इस शानदार कार्यवाई पर तारीफ कर के मेरी पुलिस टीम और मेरा हौसला बढ़ाया है।
एसपी सुनील कुमार ने कहा कि मुझे आज बहुत संतोष हो रहा है कि इतनी भारी संख्या में इन अवैध शस्त्रों को समय रहते बरामद कर लेने और उनमें शामिल अपराधियों को गिरफ़्तार कर लेने से सैकड़ों हत्यायें, लूट एवं डकैती, गन पॉइंट पर बलात्कार, गन पॉइंट पर अवैध वसूली, अवैध कब्जा जैसे अनेक संगीन अपराधों की रोकथाम हुई है। न जाने कितने लोगों की हत्या होने से बचाव हुआ, न जाने कितने लोग लुटने से बचे, न जाने कितनी डकैती होने से बच गयी, न जाने कितनी लड़कियों और महिलाओं की गन पॉइंट पर इज्जत लुटने से बच गयी और न जाने कितने लोग हथियारबंद झगड़ों में गोली से घायल और अपंग होने से बच गए।
एसपी ने बताया कि इस प्रकार चोरी-छिपे तैयार होनेवाले ये हथियार कासगंज के अलावा आसपास के कई जनपदों तक पहुंचते थे और वहाँ भी संगीन आपराधिक घटनाओं में उपयोग में आते थे। इस पहलू पर विचार करने से इस सफलता का मूल्य और बढ़ जाता है।
एसपी ने कहा कि इस ऑपरेशन में एक समय ऐसा भी आया जब कार्यवाई करते-करते उस बियाबान इलाके में काफी अंधेरा हो गया था। आस पास भलीभांति सर्च करने के लिए जब टॉर्च आदि पर्याप्त नही महसूस हुए तो दोनों अवैध फैक्ट्री/झोपड़ियों को जलाकर देखने की कोशिश की गई। तभी झोपड़ियों में छिपाकर रखे हुए कारतूस आग से खुद-ब-खुद फायर होने लगे। सभी पुलिसकर्मी तत्काल सिखलाई/ट्रेनिंग के मुताबिक़ गोलियों से बचने के लिए जमीन पर लेट गए, तब जाकर उनलोगों की जान बची। दुश्मन के बंकर जिस तरह सेना नष्ट कर देती है, उस तरह दोनों फैक्ट्री नष्ट करके इस ऑपरेशन को फ़िलहाल के लिये वहीं खत्म कर दिया गया।
एसपी सुनील कुमार सिंह ने इस ऑपरेशन में शामिल सभी पुलिस कर्मियों को 5000 का नकद इनाम दिया है और उनकी पीठ ठोक कर शाबासी दी है। एडिशनल डीजी आगरा महोदय ने भी अपनी ओर से भारी धनराशि ईनाम के तौर पर देने का मुझे आश्वासन दिया है।