105 साल की वृद्धा ने कक्षा चौथी की परीक्षा दी, उनके 6 बच्चे और 16 पोते-पोतियां

भाई-बहनों के पालन-पोषण के लिए 9 साल की उम्र में कक्षा तीसरी में पढ़ाई छोड़ी

Update: 2019-11-20 15:52 GMT

कोल्लम : पाराकुलम की रहने वाली भागीरथी अम्मा ने 105 साल की उम्र में कक्षा चौथी की परीक्षा दी है। भागीरथी के 6 बच्चे और 16 पोते-पोतियां हैं। नौ साल की उम्र में भागीरथी की मां का निधन हो गया था। इसके बाद भाई-बहनों के पालन-पोषण के लिए उन्होंने कक्षा तीसरी में पढ़ाई छोड़ दी थी। अब जब उनके सभी बच्चों की शादी हो गई तो उन्होंने केरल साक्षरता मिशन की मदद से परीक्षा दी।

भागीरथी अम्मा की चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनके बच्चों में से एक की और 16 पोते-पोतियों में से तीन की मौत हो चुकी है। भागीरथी के पति की मौत 70 साल पहले हो चुकी है। वे हमेशा से पढ़ना चाहती थीं मगर पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण ऐसा नहीं कर सकीं।

भागीरथी को नहीं मिलती वृद्धा या विधवा पेंशन

न्यूज एजेंसी के अनुसार, भागीरथी की शिकायत है कि उन्हें विधवा या वृद्धा पेंशन नहीं मिलती। उनके पास आधार कार्ड भी नहीं है। अब उन्हें उम्मीद है कि कुछ सुविधा मिलेगी। साक्षरता मिशन के वसंत कुमार ने एजेंसी को बताया कि अम्मा को लिखने में दिक्कत होती है इसलिए उन्होंने मलयालम, गणित और पार्यावरण विषय की परीक्षा तीन दिन में दी। इसमें उनकी छोटी बेटी ने भी मदद की।

105 साल की उम्र में भी याद करने की क्षमता अच्छी

राज्य साक्षरता मिशन के जिला संयोजक सीके प्रदीप कुमार ने कहा, ''भागीरथी की परीक्षा रविवार को शुरू हुई और मंगलवार को समाप्त हुई। वे सीखने के इच्छुक लोगों के लिए वास्तव में एक प्रेरणा हैं। उनकी याद करने और सुनने की क्षमता अच्छी है। इससे उन्हें पढ़ाई करने में आसानी हुई। वह मिशन के माध्यम से छूटी पढ़ाई जारी रखने वाली सबसे उम्रदराज छात्रा बन गई हैं।'' मिशन अशिक्षित, उम्रदराज या पढ़ाई बीच में छोड़ने वालों को आगे पढ़ने में मदद करता है। 

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