क्या आप डीजल की गाड़ी खरीद रहें तो पढ़ लीजिए ये खबर, वरना देना पड़ेगा 10 प्रतिशत टेक्स, मंत्री नितिन गडकरी ने क्या कहा!

दरअसल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वो वित्त मंत्री से इस बात की सिफारिश करेंगे कि डीजल गाड़ियों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैक्स (TAX) लगाया जाए। उन्होंने इस टैक्स को प्रदूषण टैक्स (Pollution Tax) का नाम देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि डीजल गाड़ियों से प्रदूषण अधिक होता है।

Update: 2023-09-12 09:29 GMT

भारत सरकार के केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज डीजल की गाड़ियों को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा है कि देश में डीजल की गाड़ियों की बिक्री नहीं रुक रही है लगातार इजाफा हो रहा है जबकि प्रदूषण भी सबसे ज्यादा डीजल की गाड़ियां कर रही है।

नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से आग्रह किया है कि डीजल की गाड़ियों पर 10% टैक्स बढ़ाया जाए। ताकि प्रदूषण के संकट से निबटा जा सके। प्रदूषण का संकट भारत ही नहीं पूरे विश्व में बना हुआ है। पर्यावरण विद लगातार इस सब पर बात चीत कर रहे है। 

डीजल की गाड़ियां खरीदना आपको महंगा पड़ सकता है। डीजल की गाड़ियां खरीदने पर आपको अतिरिक्त टैक्स लेना पड़ सकता है। डीजल इंजन वाली गाड़ियों पर 10 फीसदी का अतिरिक्त टैक्स लग सकता है। दरअसल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वो वित्त मंत्री से इस बात की सिफारिश करेंगे कि डीजल गाड़ियों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैक्स (TAX) लगाया जाए। उन्होंने इस टैक्स को प्रदूषण टैक्स (Pollution Tax) का नाम देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि डीजल गाड़ियों से प्रदूषण अधिक होता है।

उन्होंने तो कहा कि देश में डीजल गाड़ियां बननी ही नहीं चाहिए। एक कार्य में उन्होंने कहा कि डीजल इंजन वाहनों पर अतिरिक्त 10 फीसदी टैक्स लगाने के लिए वित्त मंत्री से सिफारिश करेंगे। देश में वैकल्पिक ईंधनों के इस्तेमाल पर जोर देने के लिए उन्होंने डीजल इंजन वाली गाड़ियों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने की बात कही है। हालांकि उनकी इस सिफारिश ने ऑटो मोबाइल कंपनियों की मुश्किल बढ़ा दी है। नितिन गडकरी ने मीडिया में इस खबर के आने के फौरन बाद दी ट्वीट कर कुछ बातों को स्पष्ट किया।

उन्होंने एक ट्वीट कर मीडिया की उन खबरों का भी खंडन किया, जिसमें ये कहा जा रहा था कि नितिन गडकरी ने डीजल इंजन वाली गाड़ियों पर 10 फीसदी जीएसटी लगाए जाने की सिफारिश की है। उन्होंने एक्स ( ट्विटर) पर अपने पोस्ट के जरिए स्पष्ट किया कि सरकार वर्तमान में इस तरह के किसी भी प्रस्ताव या सिफारिश पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत को साल 2070 तक कार्बन नेट जीरो के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए वायु प्रदूषण को कम करना होगा। इसलिए वैकल्पिक ईंधनों पर फोकस करने की जरूरत है।

गौरतलब है कि 63वें सियाम वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने पॉल्यूशन टैक्स लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि देश में डीजल वाहनों को कम करने का एकमात्र तरीका है कि उनपर टैक्स बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि देश में डीजल वाहनों का प्रयोग कम करने के लिए ये बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि वो इस बात की सिफारिश वित्त मंत्री के सामने करेंगे। नितिन गडकरी इससे पहले साल 2021 में सभी कंपनियों से कह चुके हैं कि वो डीजल वाहनों की सेल को कम करें। उन्होंने ऑटो कंपनियों को वैकल्पिक ईंधन की ओर बढ़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हाईड्रोजन से लेकर एथेनॉल जैसे ईंधनों को बढ़ाया जाना चाहिए।

देश में वैकल्पिक ईंधनों के इस्तेमाल पर जोर देने के लिए उन्होंने डीजल इंजन वाली गाड़ियों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने की बात कही है। हालांकि उनकी इस सिफारिश ने ऑटो मोबाइल कंपनियों की मुश्किल बढ़ा दी है। आपको बता दें कि नई गाड़ियों पर कुल कीमत का 28 फीसदी जीएसटी लगता है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर ये सिर्फ 5 फीसदी है। बाकी गाड़ियों पर फिर चाहे वो पेट्रोल हो, डीजल हो, सीएनजी हो, उनपर 28 फीसदी का टैक्स लगता है। नितिन गडकरी अब इसके अलावा डीजल गाड़ियों पर अतिरिक्त 10 फीसदी प्रदूषण टैक्स लगाने की सिफारिश कर रहे हैं।

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