TV देखने वालों के लिए बड़ी खबर, अब Set top box के लिए कराना होगा ये बड़ा काम!

Update: 2019-10-26 06:25 GMT

टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने इस साल की शुरुआत से ही टीवी देखने के नियमों में कई बदलाव किए हैं. अब ट्राई की तरफ से टीवी देखने वालों के लिए एक और नया नियम लागू किया गया है.

दरअसल TRAI ने DTH सब्सक्राबर्स के लिए KYC (know your customer) अनिवार्य कर दिया है. ट्राई ने देश के सभी डीटीएच ऑपरेटर्स (cable operators) को कहा है कि उनके लिए अब अपने सब्सक्राइबर्स का KYC कराना ज़रूरी है. आसानी से समझने के लिए बता दें कि टीवी केबल के लिए KYC प्रकिया बिल्कुल उसी तरह से होगी जैसे नया सिम लेने पर की जाती है.

मौजूदा और नए दोनों DTH ग्राहकों के लिए लागू है नया नियन

ट्राई का नया नियम मौजूदा और नए डीटीएच सब्सक्राइबर्स दोनों के लिए लागू है, जहां मौजूदा कस्टमर्स को KYC कराने के लिए 2 साल का समय दिया गया है. वहीं अब जो ग्राहक नया कनेक्शन लेंगे उन्हें सबसे पहले सब्सक्राइबर्स को KYC कराना होगा. इसके बाद ही नए डीटीएच कनेक्शन के साथ मिलने वाले सेट-टॉप-बॉक्स को इंस्टॉल किया जाएगा.

केवाईसी के लिए ग्राहकों को सरकार की तरफ से जारी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट जैसे दस्तावेज की कॉपी देनी पड़ती है. आइए जानते हैं DTH KYC से जुड़ी बातें...

--DTH के लिए KYC इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स की सहमति मिलने के बाद लागू किया गया है. KYC अनिवार्यता पर पिछले कुछ महीने से बातचीत चल रही थी.

--केबल ऑपरेटर्स को नया कनेक्शन इंस्टॉल करने से पहले सब्सक्राइबर का KYC करना होगा, जिसके बाद ही नया सेट-टॉप-बॉक्स काम करना शुरू करेगा. ध्यान दें कि अब डीटीएच सेट-टॉप-बॉक्स उसी पते पर लगाया जाएगा जो Address कनेक्शन ऐप्लिकेशन फॉर्म में दर्ज होगा. 

--सब्सक्राइबर की पहचान को वेरिफाई करन के लिए केबल ऑपरेटर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजेंगे, जिसके बाद सेट-टॉप-बॉक्स के इंस्टॉलेशन की प्रोसेस शुरू होगा.

--जिन सब्सक्राइबर के पास मोबाइल फोन नहीं है तो उन्हें पहचान प्रमाण पत्र (हार्ड कॉपी या डिजिटल फॉर्म में) जमा करना होगा. साथ ही जिन मौजूदा सब्सक्राइबर्स का डीटीएच कनेक्शन मोबाइल नंबर से लिंक नहीं है उन्हें 2 साल के अंदर लिंक कराना होगा.

--केबल ऑपरेटर्स को ग्राहकों के वेरिफिकेशन डॉक्युमेंट्स को कलेक्ट करने की अनुमति है, लेकिन ट्राई सेट टॉप बॉक्स के ज़रिए सब्सक्राइबर्स के लोकेशन डेटा को इकट्ठा करने की अनुमति नहीं देता है.

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