वारिस पठान की धमकी पर हिंदू खामोश क्यों?

सौ करोड़ से ज्यादा हिन्दुओं को सरेआम धमकी पर हिंदूवादी सरकार के मुखिया मोदी क्यों है मौन?

Update: 2020-02-22 11:36 GMT

देश में पिछले लगभग छह साल के शासनकाल के दौरान मोदी सरकार ने किसी भी हिंदूवादी छवि को भुनाने का मौका कभी नहीं हाथ से जाने दिया. लेकिन जब एआईएमआई के नेता वारिस पठान के बयान पर उसी सरकार के प्रत्येक नेता की ख़ामोशी किस और इशारा कर रही है. 

ओवेसी की पार्टी के प्रवक्ता वारिस पठान सरेआम मंच से देश के सभी हिन्दुओं को सरेआम धमका रहा है जबकि इन्हीं हिंदुओं के बल पर सत्तासीन मोदी सरकार चुपचाप बैठी देख रही है. इस नेता के खिलाफ अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है. जिस तरह मंच से सरजील इमाम ने बोला जेल भेजा गया उसी तरह इस नेता ने भी एक नहीं करोड़ों हिंदुओं को धमकी दी है. इस को अब तक जेल नहीं भेजा गया. क्यों? अब इसके दो कारण हो सकते है. 

पहला कारण बिहार चुनाव और फिर हिंदू मुस्लिम का खेल 

पहला सबसे बड़ा कारण यह है कि बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है तो किस मुद्दे पर चुनाव लड़ा जाय तो यह हिंदूओ को डर पैदा करने के लिए और उन्हें संगठित करने का नायाब तरीका है. क्योंकि अब कहा जाएगा देखिये इस सरकार में भी हमको धमकाया जा रहा है तो हमें एक होकर एक पार्टी को वोट देना चाहिए ताकि हम सुरक्षित रह सकें. जबकि मेरा मानना है कि जितना हिंदू इस सरकार में बेइज्जत और जलील हुआ है उतना कभी नहीं हुआ. हमें जब कोई भी अन्य धर्म का नेता जब चाहता है धमकी देता है जबकि पिछली सरकारों में ऐसा नहीं हुआ. अगर कुछ हुआ भी तो यही लोग उसको मुद्दा बनाकर आगे बढाते रहे. लेकिन कभी भी प्रभावी नहीं होने दिया. लेकिन अब तो जिस प्रदेश में चुनाव आता है वहीं का हिंदू खतरे में आ जाता है और चुनाव खत्म होते ही धमकाया जाता ही दुसरे धर्मों के नेताओं द्वारा ताकि हम फिर से भयभीत होकर एक जगह वोट करे. 

दूसरा कारण 

जब से यह सरकार बनी है तब से हम सभी हिंदुओं में अर्थात अस्सी प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या में यह बात कूट कूट कर भरी जा रही है कि आपको मुस्लिम से खतरा है. क्यों भाई अस्सी प्रतिशत पर बीस प्रतिशत कैसे भारी पड़ेंगे? क्या हम लोग कुछ नहीं कर सकते है तो फिर आपके पास कौन सी ताकत है जिससे आप हमें बचा लोगे. जब आज धमकी देने पर उसको कुछ भी नहीं कर पा रहे है तो फिर हम इकट्ठे होकर भी क्या कर लेंगे. दूसरे ये सब सुनने वाले लोग ख़ामोशी से सुनकर चुप क्यों है? पहले मुस्लिमों को धमकाया जाता है फिर एक मुस्लिम हिंदुओं को धमकाता है आखिर खेल क्या खेला जा रहा है? 

बता दें कि हमारे देश में बार बार यह शब्द कहा जाता है कि अगर हम पेशाब कर देंगे तो पाकिस्तान बह जायेगा वो निर्भीक हिंदू आज धमकाया जा रहा है. और हम चुपचाप बैठे तमाशा देख रहे है. यह एक बड़ा राजनैतिक खेल सिर्फ वोट के लिए खेला जा रहा है कोई मस्जिद जा रहा है कोई मंदिर की बात कर रहा है जबकि पढ़ा लिखा तबका परेशान नजर आ रहा है. 


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