हिंदू-मुस्लिम झगड़े को खत्म करने के लिए अखिलेश यादव ने दिया ये मंत्र

CAA और NRC पर जारी सियासी घमासान के बीच अखिलेश यादव ने हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर बड़ा मंत्र दिया है

Update: 2020-01-22 12:13 GMT
Akhilesh Yadav (File Photo)

लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) जारी सियासी घमासान के बीच समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर बड़ा मंत्र दिया है। अखिलेश यादव ने कहा है कि जातीय आधार पर जनगणना को सार्वजनिक करने से हिंदू-मुस्लिम (Hindu-Muslim) झगड़ा खत्म हो जाएगा। अखिलेश यादव ने कहा कि जातीय आधार पर जनगणना को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। जातीय जनगणना से हिंदू मुस्लिम की लड़ाई खत्म हो जाएगी। 



अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर देश में जाति के आधार पर जनगणना की जाति के आधार पर जनगणना की जाती है तो हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस ने जाति आधारित जनगणना नहीं होने दी और अब बीजेपी ऐसा कर रही है।

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार 'बांटों और राज करो' की नीति पर काम कर रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समाजवादी प्रमुख ने आगे कहा कहा कि 'हम चाहते थे कि जाति आधारित जनगणना हो जाए, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं होने दिया और आंकड़े भी बाहर नहीं आए। वे जानते हैं कि जिस दिन इस देश की जातियों की गिनती हो जाएगी उस दिन हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा खत्म हो जाएगा।' अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी के दौरान हमें कतारों में खड़े होने पर मजबूर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ये 'सरकार जब आई थी तो कहती थी कि करप्शन हटाया जाएगा, काला धन वापस लाया जाएगा, लेकिन इन्होंने कुछ नहीं किया।'

इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सीएए पर बहस की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि जगह तय कर लीजिए, हम विकास पर बहस करने को तैयार हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि 'हम विकास पर बहस करने को तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि याद रखिए देश बेरोजगारी में फंस गया है। इतने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी कभी नहीं आई होगी। अगर यही हालात रहें तो बेरोजगारवाद की भी संख्या बढ़ जाएगी। अब तो किसान के बाद नौजवान भी आत्महत्या करने लगे हैं। अर्थव्यवस्था, नौकरी, नोटबंदी के सवाल पर बहस नहीं करना चाहते हैं वे, इसलिए हम चाहते हैं कि विकास पर बहस करें।'

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी हिंदू-मुस्लिम के मुद्दों का इस्तेमाल कर रही है। अखिलेश यादव से पहले कांग्रेस पार्टी के नेता कपिल सिब्बल ने भी अमित शाह की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा था कि शाह बहस के लिए किसी स्थान का चुनाव कर लें। 

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