हाईकोर्ट में आईएएस बी.चन्द्रकला की याचिका खारिज

Update: 2018-05-22 07:42 GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईएएस अधिकारी और तत्कालीन फूलपुर की एसडीएम बी.चन्द्रकला व सांवडीह की आसमा बीबी व इनके परिवार की तरफ से आपराधिक केस में समन आदेश की चुनौती याचिका खारिज कर दी है और समनिंग आदेश पर लगी रोक समाप्त कर दी है. एसडीएम, तहसीलदार व अन्य कई अधिकारियों सहित आसमा बीबी पर मिलीभगत से फर्जी रिपोर्ट पर विपक्षी अनन्ती देवी के घर को जाने वाले रास्ते को खत्म कर दिया. जिसको लेकर विपक्षी ने विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, इलाहाबाद के समक्ष इस्तगासा दायर किया है.
न्यायमूर्ति यूसी श्रीवास्तव ने आईएएस बी चन्द्रकला व आसमा बीबी की याचिका पर यह आदेश दिया है. याचियों की तरफ से कोई अधिवक्ता कोर्ट में नहीं आया, जिस पर एक पक्षीय आदेश से याचिका खारिज कर दी गई. विपक्षी के अधिवक्ता कुंजेश कुमार दूबे का कहना है कि सांवडीह गांव में रास्ते के विवाद को लेकर अनन्ती देवी ने सिविल वाद दायर किया 1996 में उसके पक्ष में डिक्री हो गयी. जिसके खिलाफ आसमा बीबी ने प्रथम अपील दाखिल की वह भी खारिज हो गयी तो हाईकोर्ट में द्वितीय अपील दाखिल हुई. यह अपील भी अदम पैरवी में खारिज हो चुकी है.
2011 में आसमा बीबी ने एसडीएम को पत्र लिखकर शिकायत की कि प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है और विपक्षियों ने जबरन विवादित जमीन पर रास्ते का निर्माण कर लिया है. इस पर एसडीएम ने रिपोर्ट मंगायी. लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार ने रिपोर्ट दी कि रास्ता कभी नहीं था. इस पर एसडीएम बी.चन्द्रकला ने रास्ते को ध्वस्त कराकर समाप्त कर दिया. उन्होंने कहा कि जमीन आसमा बीबी की है. इस कार्यवाही को लेकर अनन्ती देवी ने धारा 156 (3) के तहत अर्जी दी, जिसे कोर्ट ने इस्तगासा के रूप में स्वीकार करते हुए समन जारी किया था.

बता दें कि आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला इस समय केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर है. प्रदेश में उनकी इमानदारी की मिशाल दी जाती है. अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा चर्चा में रहती है. इस समय वह केंद्र की मोदी सरकार के अधीन तैनात है. यूपी के मेरठ , बिजनौर , बुलन्दशहर समेत कई जिलों की तेज तर्रार जिलाधिकारी के रूप में जानी जाती है. 

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