कासगंज हिंसा : बरेली जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया पर लिखा ऐसा कि मच गया बवाल

हालांकि, उनकी यह कवायद एडिट हिस्ट्री नहीं मिटा सकी और उसमें पुरानी पोस्ट अब भी दिख रही है..

Update: 2018-01-30 05:22 GMT
Photo : R Vikkram Singh/Facebook
बरेली : उत्तरप्रदेश के जनपद बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक ऐसा पोस्ट किया है कि जिसकी चर्चा लखनऊ कि सियासी गलियारों तक पहुंच गयी है, दरअसल, 26 जनवरी को कासगंज में हुई हिंसा की घटना का बिना उल्लेख किए बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है कि मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाने और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे का अजीब रिवाज बन गया है।

फेसबुक पोस्ट में यह लिखा
'अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मुहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ। मुकदमे लिखे गए...

वायरल होने के बाद बदली पोस्ट 
रविवार देर रात लिखी पोस्ट सोमवार शाम तक काफी वायरल हो गई। पोस्ट के पक्ष और विपक्ष में कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी आईं। हालांकि, चर्चा बढ़ने के बाद सोमवार की रात करीब 11.25 बजे उन्होंने अपनी पोस्ट एडिट कर दी और उसकी जगह 26 जनवरी को ऐतिहासिकता से जुड़ा कंटेंट डाल दिया। हालांकि, उनकी यह कवायद एडिट हिस्ट्री नहीं मिटा सकी और उसमें पुरानी पोस्ट अब भी दिख रही है। इसके साथ ही उस पोस्ट पर हुए कमेंट और शेयर किए गए कंटेट भी उनकी पुरानी पोस्ट के ही संदर्भ में हैं। 

2005 बैच के प्रमोटी आईएएस अफसर राघवेंद्र विक्रम सिंह ने सेना से रिटायर होने के बाद यूपी प्रादेशिक सिविल सेवा में तैनाती ली थी। इससे पहले वह श्रावस्ती के जिलाधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने पद्मावत का विरोध कर रही करणी सेना को आड़े हाथों लेते हुए लेख भी शेयर किए हैं। वहीं, उससे जुड़े व्यंग्य भी खुद पोस्ट किए हैं। 

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