हरदोई: हरपालपुर के थानेदार पर क्यों मेहरबान है पुलिस कप्तान!

थाने से चंद कदम पर हत्यारों ने ढाया था कहर, जगाने पर भी नही जागी थी पुलिस

Update: 2019-08-13 05:42 GMT

हरदोई। हरपालपुर में थाने से महज 200 मीटर दूरी पर एक परिवार पर कहर बरपाया गया। बोलेरो व ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर पहुंचे करीब दर्जन भर हमलावरों ने परिवार के मुखिया की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी, बचाने पहुंची पत्नी व बेटे को भी मरणासन्न कर दिया। आरोप है कि पुलिस की सह पर घटना को अंजाम दिया गया।

घटना के सप्ताह भर बीत जाने के बाद भी पुलिस जिले के कप्तान ने हरपालपुर के विवादित थानेदार को वहां से नही हटाया। नतीजन अब हरपालपुर पुलिस पीड़ित परिवार को ही धमका रही है।

हालांकि मृतक के परिवार के प्रति जिले भर के लोगों ने सहानुभूति जताई। घायल पत्नी व बेटे का हाल चाल लेने सवायजपुर विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह रानू, शाहाबाद की विधायक रजनी तिवारी, हिन्दू महासंघ के अनुराग द्विवेदी अन्नू व उनके पदाधिकारी, सपा नेता संजय कश्यप, मुकुल सिंह आशा, रामज्ञान गुप्ता के अलावा अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के पं. शिवम तिवारी आदि कई संस्थाओं के लोग व जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल पहुंचकर हालचाल लिया व हर सम्भव सहायता का वादा किया।

सवायजपुर एमएलए ने फौरी तौर पर 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की। किन्तु पीड़ित परिवार हरपालपुर के थानेदार को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है।

मृतक विकास मिश्रा की पत्नी सुधा मिश्रा का कहना है कि अगर पुलिस ततपरता दिखाती तो मांग का सिंदूर न उजड़ता। घटना के वक्त उनका पुत्र दौड़कर थाने गया था मदद मांगने, पर वहां सो रहे पुलिसकर्मियों ने थोड़ी देर में आने की बात कहकर उसे भगा दिया। थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर हुई वारदात देखने 02 घण्टे बाद पुलिस पहुंची। जिसके बाद भी पुलिस ने शिथिलता बरती। अब आवाज न उठाने के लिए धमकाया जा रहा है। इस घटनाक्रम में सीओ की भूमिका भी सन्दिग्ध मानी जा रही है।

वहीं इतनी बड़ी वारदात के बाद भी पुलिस कप्तान संजीदा नही हैं। पीड़ित परिवार व संगठनों व जनप्रतिनिधियों के कड़े विरोध के बाद भी विवादित थानेदार को हरपालपुर से नही हटाया। ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नही को जा सकती। वहीं स्थानीय पुलिस 05 आरोपियों को अरेस्ट करने का दावा कर रही है। सवाल ये है कि हत्यारों को सजा हो भी जाएगी पर लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही कौन करेगा?

सूत्रों की मानें तो थानेदार को बचाने के लिए एसआई संजय सिंह को लाइन हाजिर कर पुलिसिया खानापूर्ति कर दी गयी है।

रिपोर्ट: हरिश्याम बाजपेयी

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