CAA मामले पर मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के DGP को भेजा नोटिस

CAA को लेकर हुए प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश में अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है.

Update: 2019-12-25 08:17 GMT

लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में लखनऊ में हिंसा के आरोपियों से क्षतिपूर्ति वसूलने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. प्रशासन की ओर से गठित कमेटी ने 100 आरोपियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. वहीं दूसरी ओर हिंसा में मारे गए लोगों को लेकर यूपी पुलिस को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तरफ से नोटिस भेजा गया है. NHRC ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह से जवाब मांगा है. CAA को लेकर हुए प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश में अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है. 

सीएए का विरोध करते हुए 19 दिसंबर को लखनऊ के खदरा, हुसैनाबाद और परिवर्तन चौक पर तोड़फोड़ पथराव व आगजनी हुई थी. जिला प्रशासन की ओर से गठित कमेटी ने 100 आरोपियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. एक हफ्ते के अंदर उन्हें संबंधित एडीएम कोर्ट में खुद को बेगुनाह साबित करना होगा. ऐसा न कर पाने की स्थिति में उपद्रव के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी.

पुलिस ने सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान करके उनसे स्पष्टीकरण मांगा है कि पब्लिक प्रॉपर्टी की क्षतिपूर्ति के लिए उनकी संपत्ति क्यों न जब्त की जाए. यह नोटिस हाईकोर्ट के 2010 के आदेश के आधार पर भेजी गई है. जिसमें कहा गया है कि हिंसा में शामिल लोगों से वसूली कर सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई की जाए. सीएम योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद प्रशासन भी एक्टिव दिख रहा है.

Tags:    

Similar News