3000 करोड़ लेकर देश से फरार होने की खबरों पर रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी ने दी ये सफाई
कोठारी ने कहा है कि वह देश छोड़कर नहीं गए हैं, और यहीं कानपुर में ही हैं.
कानपुर : पंजाब नेशनल बैंक को 11400 करोड़ का चूना लगाकर विदेश फरार हो चुके नीरव मोदी की खबर अभी ठंठी ही नहीं पड़ी थी कि ऐसी ही एक और खबर देश भर में वायरल होने लगी कि कानुपर की रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी भी बैंकों के 3000 करोड़ रुपए लेकर फरार हो गए. अब खुद रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी सामने आये और उन्होंने सफाई भी दी है. उन्होंने इस बात का खंडन किया है कि नीरव मोदी की तरह विक्रम कोठारी भी देश छोड़ कर चले गए हैं. कोठारी ने कहा है कि वह देश छोड़कर नहीं गए हैं, और यहीं कानपुर में ही हैं.
कोठारी ने कहा कि मैंने बैंकों से लोन लिया है, ये गलत है कि अभी तक चुकता नहीं कर पा रहा हूं. मेरा बैंक का एलसी में केस चल रहा है, उसमें जल्द ही निष्कर्ष निकलेगा. उन्होंने कहा कि मैं अभी कानपुर से बाहर नहीं निकला हूं, ना ही कहीं जाऊंगा. मेरे भारत जैसा महान देश कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि बिज़नेस डील की वजह से बाहर के देशों में आना जाना होता रहता है.
आपको बता दें कि कानपुर के व्यापारी विक्रम कोठारी पर आरोप है कि उनपर पांच राष्ट्रीय बैंकों की करीब 3000 करोड़ की देनदारी है और कोठारी ने इस उधारी का कोई भी पैसा नहीं वापस किया. इसके बावजूद ना सिर्फ कोठारी खुलेआम घूम रहे हैं बल्कि उनके बिजनेस भी बदस्तूर चल रहे हैं.
विक्रम कोठारी पर आरोप है कि इन्होंने बैंक के आला अधिकारियों के साथ मिली भगत करके अपनी संपत्तियों की कीमत ज्यादा दिखाकर उनपर करोड़ों का लोन लिया और फिर उन्हें चुकता करने से मुकर गए. विक्रम कोठारी रोटोमैक पेंस के मालिक हैं और कानपुर के पॉश तिलक नगर इलाके में आलीशान बंगले मे रहते हैं.
कितना है लोन?
विक्रम कोठारी ने 2012 में अपनी कंपनी रोटोमैक के नाम पर सबसे पहले इलाहबाद बैंक से 375 करोड़ का लोन लिया था. इसके बाद यूनियन बैंक से 432 करोड़ का लोन लिया. इतना ही नहीं विक्रम कोठारी ने इंडियन ओवरसीज़ बैंक से 1400 करोड़, बैंक ऑफ इण्डिया से लगभग 1300 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा से 600 करोड़ रुपये का लोन लिया, लेकिन किसी बैंक का लोन चुकता नहीं किया. आरोप है कि बैंक अधिकारियों की मिली भगत से विक्रम कोठारी बैंको का लगभग तीन हजार करोड़ रुपया दबा कर बैठ गए. उनकी रोटोमैक कम्पनी पर भी ताला लग गया. बैंकों ने विक्रम कोठारी के सभी लोन के सभी खातों को एनपीए घोषित कर दिया.