सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और दूसरे खिलाफ दर्ज अपहरण और छेड़छाड़ के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया. इस मामले की शिकायतकर्ता ने पोस्ट के जरिए कोर्ट को एक पूरक शपथ पत्र भेजा.
इसमें शिकायकर्ता ने लिखा है, "उसने इस मामले की कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई है. उसने कोई बयान भी नहीं दिया है. पीड़िता का ये भी कहना है, "यदि कोई बयान दर्ज है, उसे नहीं पढ़ा जाए. इस पर सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने इस पूरक शपथ पत्र को केस के डॉक्यूमेंट्स के साथ रखने का आदेश देते हुए मामले के जांच अधिकारी को तलब किया है.
इसके साथ ही उन्होंने जांच अधिकारी राय बहादुर को आदेश दिया है कि वह 16 अक्टूबर को इस मामले की केस डायरी के साथ अदालत में उपस्थित हों, वरना आपके खिलाफ कार्रवाई के लिए उपर के अधिकारियों को लिखा जाएगा. शिकायकर्ता के इस पूरक शपथ पत्र से कोर्ट के सामने जांच अधिकारी की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं.
26 अक्टूबर, 2016 को थाना गोमतीनगर में अश्लील कार्य और जानमाल की धमकी के मामले में बबलू सिंह, आशीष शुक्ला और अज्ञात के खिलाफ एफआईआर चित्रकूट की एक महिला ने दर्ज कराई थी. वहीं, इसी महिला ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गायत्री समेत 6 लोगों के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था.
वहीं, गायत्री के वकील सुनील सिंह ने बताया,"गोमती नगर थाने के तत्कालीन जांच अधिकारी हरिकेश राय ने 27 जुलाई, 2017 को गोमतीनगर पुलिस ने इस मामले में अपहरण व छेड़छाड़ के आरोपों की बढ़ोत्तरी करते हुए बबलू व आशीष के साथ ही गायत्री प्रजापति के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल कर दिया."