मायावती के बाद अखिलेश यादव ने किया साफ

Update: 2019-10-23 16:43 GMT

लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती के बाद अब एसपी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में न तो कांग्रेस से गठबंधन करेगी और न ही बीएसपी से हाथ मिलाएगी। अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव तो अभी दूर हैं लेकिन हमारी पार्टी के नेता नहीं चाहते हैं कि किसी के साथ गठबंधन किया जाए। 

एसपी से नाराज होकर अलग पार्टी बनाने वाले अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से सुलह-समझौते की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने मंगलवार को कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा। उन्होंने जसवंतनगर सीट से विधायक शिवपाल को विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित करने संबंधी अर्जी वापस लेने की संभावनाओं के बारे में कहा कि पार्टी ऐसा नहीं करने जा रही है।

मायावती ने तोड़ दी थी 'दोस्ती'

बता दें कि समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 में मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था। बीएसपी ने इस 'दोस्ती' को लोकसभा चुनाव के बाद तोड़ दिया था। यही नहीं, 24 जून को बीएसपी सुप्रीमो ने ऐलान कर दिया कि पार्टी और मूवमेंट के हित में बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी। यानी मायावती और अखिलेश की दोस्ती छह महीने की मियाद भी नहीं पूरी कर सकी।

'अखिलेश क्यों डिंपल को जितवा नहीं सके?'

जून महीने में एक मीटिंग के दौरान मायावती ने कहा, 'अखिलेश यादव गठबंधन के लिए पूरी तरह अपरिपक्व हैं। चुनाव के बाद कई दिनों तक मैं इंतजार करती रही कि वह आएंगे और बात करेंगे, लेकिन वह नहीं आए। ऐसी सूरत में एसपी के साथ गठबंधन बरकरार नहीं रखा जा सकता। एसपी की तरफ से जो सहयोग चाहिए था, वह नहीं मिला। मैंने अखिलेश यादव को कई बार इसके लिए आगाह भी किया पर वह समझ नहीं सके और भितरघात होता रहा। लोगों में यह फैलाया जा रहा है कि हमारे 10 सांसद एसपी के सहयोग से जीते, लेकिन हकीकत यह नहीं है। अगर यह सच्चाई है तो यादव परिवार के लोग ही क्यों चुनाव हार गए? अखिलेश क्यों डिंपल को भी जितवा नहीं सके?'

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