योगी सरकार पर अखिलेश यादव का पलटवार, कहा किसानों के साथ किया भद्दा मजाक

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को आयोजित प्रेस कॉंफ्रेंस में कहा कि योगी को सरकार चलाना नहीं आता है। उन्होंने सरकार के जारी किए गए श्वेत पत्र पर भी पलटवार किया।

Update: 2017-09-20 08:20 GMT

लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को आयोजित प्रेस कॉंफ्रेंस में कहा कि योगी को सरकार चलाना नहीं आता है। उन्होंने सरकार के जारी किए गए श्वेत पत्र पर भी पलटवार किया। योगी सरकार के श्वेत पत्र पर अखिलेश ने वार किया है। अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का श्वेत पत्र सफेद झूठ है। उसमें कही गई कई बातें झूठी हैं। अखिलेश ने कहा कि गन्ना किसानों को भुगतान अभी तक बकाया है। वे भुगतान का इंतजार कर रहे हैं और सरकार का कहना है कि गन्ना किसानों का भुगतान कर दिया गया। खुद गन्ना मंत्री के क्षेत्र में ही किसानों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।

गोरखनाथ पीठ के महंत सीएम योगी आदित्यानाथ पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि जिस तरह मुझे ठीक से पूजा करना नहीं आता ठीक उसी तरह योगी जी को सरकार चलाना नहीं आता। उन्होंने कहा कि सरकार कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ भद्दा मजाक कर रही है और सरकार ने सूबे के किसानों को धोखा दिया है।
लखनऊ मेट्रो की शुरुआत पर अखिलेश यादव ने कहा कि मेट्रो का काम सपा सरकार के कार्यकाल में शुरू किया गया, यह बीजेपी का सपना कैसे हो सकता है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा की सीएम योगी दिन में ऐसा सपना देखा, मुझे झांसी में मेट्रो का इंतजार रहेगा। अखिलेश यादव ने सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को भी लाचार बताते हुए कहा कि सरकार अस्पतालों में लोगो की हिफाजत नहीं कर पा रही है।
अखिलेश सरकार में था जंगलराज 
सीएम ने कहा कि मार्च 2017 से पहले प्रदेश में जंगलराज को उनकी सरकार ने समाप्त किया और अब कानून व्यवस्था को बेहतर किया। पहले प्रदेश में निवेश फ्रेंडली माहौल नहीं था। उत्तर प्रदेश में बीते 15 वर्ष से अराजकता थी। सरकार की तत्परता का ही नतीजा है कि पिछले छह माह में प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ है, जबकि पिछली सरकार में हर हफ्ते दो दंगे होते थे। अपराधी या तो जेल में हैं या राज्य से बाहर।  
इस वजह से किया साक्षात्कार खत्म 
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में बीते 15 वर्ष में नौकरी देने के नाम पर जम कर धांधली होती थी। सरकारी नौकरियों में पात्र लोग वंचित रहते थे, जबकि भाई-भतीजावाद के कारण अपात्रों को नौकरी मिल जाती थी। हमने इसे रोकने के लिए सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार खत्म कर दिया।
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