उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार बिजली के दाम में बढ़ोतरी करती है तो वहीं पश्चिम बंगाल में महंगी बिजली पर ममता सरकार के विरोध में बीजेपी प्रदर्शन करती है.
अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा है कि बीजेपी शासित राज्यों में जनता से पैसे उगाहने के हर हथकंडे पर चुप्पी साधना और अन्य राज्यों में हल्ला बोलना बीजेपी के दोहरे चरित्र का नाटक है. लेकिन बीजेपी याद रखे कि हर नाटक का अंत होता है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें 12 से 15 फीसदी तक बढ़ाए जाने पर विपक्ष शुरू से हमलावर रहा है. बीते 4 सितंबर को भी समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था, 'एक तरफ घटती आय व मांग की वजह से देश की उत्पादकता दर लगातार नीचे जा रही है, वहीं प्रदेश में बिजली की दरें ऊपर जा रही हैं.'
अखिलेश ने कहा था, 'कारोबारी व जनता, सब त्रस्त हैं. उप्र में निवेश की संभावनाएं भी क्षीण हैं क्योंकि इनके लिए कोई भी बैंक कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है. बिजली दर बढ़ने से निवेशक और दूर होगा.' वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भी इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि इससे 'मेहनती जनता' को अधिक परेशानी होगी.
मायावती ने कहा था, 'उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने को मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है. इससे प्रदेश की करोड़ों मेहनती जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढ़ेगा व उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त व कष्टदायी होगा. सरकार को इस पर तुरन्त पुनर्विचार करना चाहिए.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा अपनी नीतियों से आम आदमी को निशाना बना रही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'पहले महंगे पेट्रोल-डीजल का बोझ और अब महंगी बिजली की मार : उप्र की भाजपा सरकार आम जनता की जेब काटने में लगी है. क्यों? खजाने को खाली करके भाजपा सरकार अब वसूली जनता पर महंगाई का चाबुक चला कर रही है.'
हालांकि, चौतरफा हमला होते देख उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि सरकार ने उपभोक्ताओं की समस्याओं पर ध्यान दिया और न्यूनतम बढ़ोतरी की है.
उन्होंने कहा कि प्री-पेड बिजली मीटर पर छूट 1.25 से बढ़ाकर 2 फीसदी कर दी गई है, जबकि 4.28 फीसदी के नियमित अधिभार को हटा दिया गया है.
बिजली दरों में बढ़ोतरी का कदम नवरात्रि, दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों से पहले आया है, जो अक्टूबर में मनाए जाएंगे. इससे पहले राज्य में बिजली दरों को नवंबर 2017 में संशोधित किया गया था.