भाजपा की राह पर चलेंगे अखिलेश, पार्टी में करेंगे यह परिवर्तन!

सूत्रों के मुताबिक खासकर जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों से लिखकर मांगा जा रहा है कि वे सिर्फ संगठन के लिए ही काम करेंगे.

Update: 2019-12-17 03:34 GMT

लखनऊ. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बेहतर परिणाम के लिए अखिलेश यादव ने बीजेपी के 'एक व्यक्ति, एक पद' के फ़ॉर्मूले को लागू करने का फैसला लिया है. इसके तहत संगठन को मजबूत करने की तैयारी है. इस फैसले पर सहमति बन चुकी है और जल्द ही इसका ऐलान हो सकता है. अभी हाल में नियुक्त किए गए सपा जिलाध्यक्षों को अब चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिलेगी. वह पूरा समय संगठन को मजबूत बनाने का काम करेंगे. इस फॉर्म्युले में विशेष कर जिलाध्यक्ष और नगर अध्यक्ष शामिल होंगे. पार्टी जिन जिलाध्यक्षों को नियुक्त कर रही है, उनसे इस पर सहमति भी ले रही है.

'एक व्यक्ति, एक पद' के फ़ॉर्मूले से सपा को मिलेगा फायदा

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम के पूर्व निदेशक जफर अमीन डक्कू ने न्यूज18 से बातचीत में कहा कि 'एक व्यक्ति, एक पद' के फ़ॉर्मूले को लागू करने का फैसले पर विचार किया जा रहा है. ऐसा हमारे भी संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि जो लोग संगठन के अंदर होते है वो टिकट की मांग करने लगते है. ऐसे में चुनाव के दौराना व्यवस्था बिगड़ जाती है. जो लोग क्षेत्र में कड़ी मेहनत किए होते है उन्हें परेशानी होती है. डक्कू कहते हैं कि जो लोग संगठन का काम देख रहे है वो देखे, वहीं जो लोग क्षेत्र में मेहनत कर रहे है पार्टी के लिए उन्हें टिकट मिले.

संगठन को उठाना पड़ता है नुकसान

सपा के वरिष्ठ नेता जफर अमीन डक्कू ने कहा कि अगर सपा का जिलाध्यक्ष चुनाव लड़ गया तो बाकि जगह पार्टी कैसे चुनाव जीतेगी. डक्कू के मुताबिक, चुनाव नजदीक आते ही हमारे पदाधिकारी टिकट के जुगाड़ में संगठन को भूल जाते हैं. ऐसे में वहां पर संगठन को नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार संगठन के किसी वरिष्ठ पदाधिकारी को टिकट मिलने की वजह से कार्यकर्ता पदाधिकारी की सीट तक ही सीमित हो जाते हैं. इस कारण जिले की दूसरी सीटों पर प्रभाव पड़ता है. सूत्रों के मुताबिक खासकर जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों से लिखकर मांगा जा रहा है कि वे सिर्फ संगठन के लिए ही काम करेंगे.

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