2019 लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की बहुत चर्चा है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव महागठबंधन का खाका तैयार कर चुके हैं. इस महागठबंधन में एसपी, बीएसपी, कांग्रेस और आरएलडी मिल कर बीजेपी का सामना करने की तैयारी में हैं. फिलहाल महागठबंधन की ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के लिए है.
हालांकि रविवार को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने साफ कहा कि महागठबंधन तभी बनेगा जब बीएसपी को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी. ये कयास काफी वक्त से लगाए जा रहे थे कि महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच बातचीत सीटों के बंटवारे पर फंस रही है. अब मायावती के बयान ने इसे स्पष्ट कर दिया है.
हालांकि रविवार की शाम तक अखिलेश यादव का भी बयान सामने आ गया जिसमें उन्होंने साफ कहा कि गठबंधन ही यूपी में बीजेपी को रोक सकता है भले ही इसके लिए हमें दो चार कदम पीछे क्यों न हटना पड़े. उन्होंने कहा,"हम कांग्रेस से भी बड़ा दिल दिखाने की अपील करते हैं क्योंकि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कोई मुद्दा नहीं है. चुनाव नतीजे आने के बाद इसे तय कर लिया जायेगा. इस चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों की बड़ी भूमिका होगी. वही बीजेपी का मुकाबला कर सकती हैं."
गौरतलब है कि 2019 की लड़ाई का सबसे बड़ा मैदान उत्तर प्रदेश ही है. यहां बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस, बीएसपी, एसपी और राष्ट्रीय लोकदल महीनों से प्लानिंग में जुटे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगियों को 73 सीट मिली थीं, जबकि समाजवादी पार्टी को 5 और कांग्रेस को 2 सीट मिली थीं.
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 325, एसपी-कांग्रेस गठबंधन को 54 और बीएसपी को 19 सीट ही मिल सकी थीं. यूपी में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट हैं और यूपी फतह करने के लिए हर पार्टी जोर लगा रही है. अब देखना ये होगा कि महागठबंधन की फाइनल शक्ल क्या होगी और सीटों का बंटवारा किस तरह होगा.