लखनऊ में लड़ाई सिंह बनाम शाह, सिंह हमेशा रहे है किंग!

Update: 2019-07-30 03:11 GMT

 मोदी सरकार -2 के शपथ लेते ही यह बिल्कुल साफ हो गया था कि अब राजनाथ सिंह के लिए सब कुछ सहज नहीं रहने वाला है. पहले उनका मंत्रालय बदला गया. फिर उन्हें देश की कई कमेटियों से आउट कर दिया गया. हालांकि पानी सर से ऊपर गुजरता उससे पहले ही संघ का हस्तक्षेप हुआ और महत्वपूर्ण कमेटियों में उनकी शानदार वापसी हुई. सरकार में नंबर 2 का दर्जा भी हुआ.

लेकिन गुजरे रविवार को उन्हें एक फिर बड़ा झटका दिया गया है. जो शायद उनके लिए एक सदमा बन जाएगा. उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर यूपी की सरकार की तरफ से लखनऊ में बड़ा आयोजन ऐसे मौके पर तय किया गया जब सरकार के नंबर दो राजनाथ सिंह देश से बाहर थे..

समारोह का मुख्य अतिथि गृहमंत्री अमित शाह को बनाया गया. बात यहीं तक नहीं रही समारोह के लिए अखबारों में जो सरकारी विज्ञापन दिया गया उसमें भी राजनाथ सिंह को जगह नहीं मिली. जबकि स्थानीय सांसद होने के नाते उसमें उनका नाम स्वाभाविक तौर पर होने चाहिए था. इतना इशारा काफी था. इसलिए छोटे नेताओं ने शहर में जो हो ढंग से लगवाए उसमें भी राजनाथ सिंह जगह नहीं पा सके. भाषण के दौरान किसी भी नेता ने उनका नाम लेना मुनासिब नहीं समझा और तो और अमित शाह ने जिस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफों के पुल बांधे राजनीतिक गलियारों में राजनाथ सिंह से ही जोड़कर देखा जा रहा है.

उनके इस बयान के भी निकाले जा रहे हैं कि कुछ लोग योगी को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले से सहमत नहीं थे. वहीं राजनाथ सिंह की पॉलिटिक्स को जिन लोगों ने नजदीक से देखा है. उनका मानना है कि सिंह इज द किंग, उन्हें इतनी आसानी से मात नहीं दी जा सकती है अभी भी उनके पास कई मोहरे सुरक्षित हैं. जिस तरह पहले मुलायम सिंह के धोबी पाट की नजीर दी जाती थी अब वह जगह मौजूदा राजनीत में राजनाथसिंह को दी जाती है. 

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