यूपी की सबसे बड़ी खबर: पूरे देश में कहीं भी अनाज ले सकेंगे राशनकार्ड धारक, सरकार ने लागू की पोर्टेबिलिटी व्यवस्था.

Update: 2020-02-05 16:55 GMT

भ्रष्टचार पर लगाम लगाने की खातिर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोटेदारों पर भी शिकंजा कस रही है। इसके तहत प्रदेश में बुधवार से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू हो गया है। अब आप अपनी पसंद की राशन की दुकान से सामान ले सकेंगे, इतना ही नहीं अब आप प्रदेश के किसी भी शहर से आप दौरे में भी अपने कोटे का राशन ले सकते हैं।

राज्य सरकार बुधवार से पूरे प्रदेश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना लागू कर दी है। इसके तहत आप किसी भी शहर में और किसी भी दुकान से राशन ले सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव आलोक कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। वहीं राज्य सरकार राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की तैयारी कर रही है।

राज्य सरकार ने बाराबंकी, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, लखनऊ व बाराबंकी में इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना लागू की थी। इसके तहत लगभग 5 लाख लोगों ने दूसरी दुकानों से राशन खरीदा था। यहां परीक्षण सफल रहने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। अब बलिया में रहने वाला रामकुमार हापुड़ की किसी भी राशन की दुकान से अनाज ले सकेगा।

प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि अब राज्य सरकार अगले कदम के रूप में पूरे देश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू करेगी ताकि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति दूसरे प्रदेश जाने पर वहां की सार्वजनिक दर की दुकान से राशन ले सके। ई-पॉश मशीन के माध्यम से सत्यापित होने के बाद ही राशन दिया जा रहा है। यहां पर ई-पॉश मशीन लागू होने के बाद 1552 करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी की बचत की गई है।

राशन पोर्टबिलिटी शुरू होने के बाद कोटेदारों का एकाधिकार खत्म हो जाएगा। इससे सीधे तौर पर गरीबों को फायदा होगा। अक्सर सामने आता है कि गांवों में प्रधान और शहरों में पार्षद, सभासद से कोटेदारों के मजबूत गठजोड़ के चलते गरीबों को अनाज मिलने में दिक्कत होती है। वहीं जब गरीब आदमी रोजगार की आस में पलायन करता है तो उसे अपने कोटे का राशन नहीं मिल पाता।

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