एग्जिट पोल के बाद बढ़ी सरगर्मी : लखनऊ में मायावती से मिले अखिलेश यादव

अखिलेश यादव मायावती से मिलने उनके घर पहुंचे थे जहां दोनों नेताओं की मुलाकात हुई

Update: 2019-05-20 07:41 GMT

लखनऊ : एग्जिट पोल के नतीजों के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव ने मुलाकात की है। इन दोनों नेताओं की लखनऊ में बैठक हुई जो अब ख़त्म हो चुकी है। अखिलेश यादव मायावती से मिलने उनके घर पहुंचे थे जहां दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। आपको बता दें कि एग्जिट पोल के हिसाब से यूपी में भाजपा अब सपा- बसपा- रालोद गठबंधन भारी पड़ती दिख रही है। छह सर्वे के हिसाब से देखें तो बीजेपी को औसतन 53 सीटें व गठबंधन को 25 सीटें मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस को 2 सीटें मिलती दिख रही हैं। सर्वे में भाजपा पांच में आगे है।



2014 में भाजपा गठबंधन को उत्तर प्रदेश से 73 सीटें मिली थीं। समाजवादी पार्टी (सपा) के खाते में पांच सीटें आई थीं। जबकि बसपा का खाता भी नहीं खुल पाया था। लेकिन 2018 में हुए उपचुनाव में फूलपुर, गोरखपुर, और कैराना में गठबंधन ने भाजपा को जबरदस्त झटका दिया था। जबकि गोरखपुर भाजपा का गढ़ था। इसके बाद 2019 के चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष महेंदनाथ पाण्डेय ने कहा, "हम सबको पहले ही विश्वास था कि देश की जनता मोदी जी और राजग को राष्ट्र को और आगे बढ़ाने के लिए भारी बहुमत देगी। ये सवेर् उसी को परिभाषित कर रहे हैं। लेकिन हमारा मनाना है कि उप्र में हमारा नारा 73 प्लस का सार्थक होगा।"

कांग्रेस के प्रवक्ता आशोक सिंह ने कहा, "मीडिया ने तो चुनाव के पहले ही भाजपा की सरकार बनवा दी थी। इसीलिए अभी रुझानों पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं है। 23 मई को आने वाले परिणामों में हम डबल डिजिट में प्रदेश में होंगे। देश में एक बार कांग्रेस की सरकार बनेगी। सवेर् इसी प्रकार राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आए थे। बाद में सब फुस्स कारतूस हो गए। इसीलिए इन पर ज्यादा भरोसा न करके 23 मई का इंतजार करना ठीक है।"

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा, "जो सच्चाई है वह 23 मई को जनता के सामने आएगी। अभी से इन रुझानों पर क्या कहना है। पूरे प्रदेश में जनता ने महागठबंधन के पक्ष में वोट दिया है। भाजपा की हालत पतली है। 23 मई के परिणाम चौंकाने वाले होंगे।"

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