बड़े भाई का दावा पत्नी की वजह से IPS सुरेंद्र ने की आत्महत्या, दर्ज कराएंगे FIR
आईपीएस सुरेंद्र दास के बड़े भाई का बयान आया है उन्होंने कहा है कि सुरेंद्र की पत्नी और ससुरालियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे.आईपीएस के बड़े भाई ने कहा कि अपनी पत्नी और ससुरालवालों की वजह से वो लगातार तनाव में थे और यहीं तनाव सुरेंद्र की आत्महत्या का कारण बना.
उन्होंने आगे बताया कि सुरेंद्र की पत्नी के संस्कार ठीक नहीं थे. शादी के दो महीने बाद ही उसने तलाक की बातें शुरू कर दी थी. पत्नी, सुरेंद्र को मुझसे और मां से बात भी नहीं करने देती थी. वो शादी के बाद एक दिन भी ससुराल में नहीं रुकी थी. उन्होंने कहा कि यह शादी भी शादी डॉट काम के माध्यम से हुयी थी.
सुरेंद्र दास लिखते हैं कि वो अपनी पत्नी से बेहद प्यार करते हैं. दास अपने सुसाइट नोट में लिखते हैं कि रवीना आईएम नाॅट लायर. पुलिस को दास के घर से मिले सुसाइड नोट में भी यही बात कही गई है. हालांकि उन्होंने अपने सुसाइड नोट में किसी को दोषी नहीं ठहराया है. उन्होंने घरेलू झगड़ों का केवल जिक्र किया है.
वर्ष 2014 बैच के पुलिस सेवा के अधिकारी रहे दास की मौत के मामले में कानपुर पुलिस जांच कर रही है. पुलिस के अधिकारी सुरेंद्र दास की पत्नी डॉ. रवीना से कई बार पूछताछ कर चुकी हैं. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
भाई ने कही ये बात
एसपी के भाई नरेंद्र ने बताया कि सुरेंद्र दास की शादी 9 अप्रैल 2017 को रवीना के साथ हुई थी. डॉ. रवीना गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज कानपुर से एनाटमी विभाग से 2018 में एमएस पूरा करने के बाद आंबेडकर नगर मेडिकल कालेज में डिमांस्टेटर बनी. एक महीने पहले उन्होंने संविदा की नौकरी से इस्तीफा दे दिया. उस वक्त भाई सुरेंद्र दास वहां सीओ थे.
नरेंद्र कहते हैं कि सुरेंद्र अक्सर पत्नी रवीना से कहते थे कि जिस मां ने भूखें पेट रहकर मुझे पढ़ाया. भाई ने मजदूरी कर किताबों की व्यवस्था की. तुम उन्हें छोड़ने के लिए कह रही हो. मां और भाई का अगर आज मैं साथ नहीं दूंगा तो भगवान भी मुझे माफ नहीं करेगा। पर पत्नी रवीना सुरेंद्र दस की बात मानने को तैयार नहीं थीं. भाई के मुताबिक शादी के बाद सुरेंद्र के साथ मस्ती करना तो दूर सुख-दुख की दो बातें करने को सब तरस गए थे.
अब आप आईपीएस हैं
नरेंद्र ने बताया कि एक दिन भी वह लखनऊ आकर रुकता तो घर में कलह शुरू हो जाती, क्या बताऊं भाई परिवार जोड़ने में खुद टूटता गया और हम लोग जान न पाए. नरेंद्र बताते हैं कि रवीना अक्सर सुरेंद्र से कहती थीं कि आप अब आईपीएस अधिकारी हैं और गरीब के बजाए अमीर हो गए हैं. अपने मां और भाई को गांव तक सीमित रखें. वो हमारी सुसाइटी में शामिल होने लायक नहीं है.
जिस पर भाई सुरेंद्र पत्नी रवीना को डांटते तो दोनों के बीच जमकर टकरार होती. नरेंद्र बताते हैं कि सुरेंद्र आप इंसानों की तरफ जिंदगी जीना चाहते थे. मां और मुझे भी कुछ सुख देना चाहते थे, पर पत्नी रवीना को यह मंजूर नहीं था. वो सुरेंद्र से हमें छोड़ने का दबाव बनाती और इसी से आहत होकर मेरे होनहार भाई ने जहर खा लिया.