नहीं बचेंगे जौनपुर सहित विभिन्न जिलों में हुए जबरन धर्मान्तरण के दोषी - मनीष शुक्ला

Update: 2018-09-12 02:05 GMT

लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जबरदस्ती, धोखे से और लालच देकर धर्म-परिवर्तन कराने की जांच होगी। पत्रकारों से बात करते हुए  शुक्ला ने कहा कि जौनपुर में धोखे और लालच के सहारे हिन्दू परिवारों का धर्मांतरण हुआ। इस बात की भी जांच होगी कि पिछले 14-15 वर्षो से किसने दुर्गा प्रसाद यादव, कीरित रॉय और जितेंद्र सहित 271 लोगों को जौनपुर सहित चार जिलों में गरीबों और पिछड़ों को धोखा देकर, बहला-फुसलाकर और रुपयों का लालच देकर ईसाई धर्म में शामिल करने की छूट दी थी। दुर्गा प्रसाद यादव और उसके कुछ साथी गांव की भोली-भाली अनपढ़ लोगों को अंधविश्वास का सहारा लेकर जानलेवा बीमारी का गलत उपचार करते थे। गंभीर बीमारी ठीक होने की झूठी गवाही लोगों से दिलवा कर धर्म परिवर्तन कराते रहे है। इसके पहले जुलाई 2014 में भी जौनपुर के नेवढ़िया में ईसाई मिशनरियों ने लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया था। उस समय धर्मांतरण का विरोध करने पर हिन्दू संगठन के लोगों पर हमला भी हुआ था। उन्होंने कहा कि सबसे दुखद और आश्चर्यजनक पहलू है कि पिछले सरकार में धर्मान्तरण की शिकायतकत्र्ताओं पर मुकदमें कायम होते रहे क्योंकि धर्मान्तरण कराने वालों को तत्कालीन सरकार का संरक्षण था।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि दिसंबर 2014 में जब आगरा में मुस्लिम धर्म छोड़ कर स्वेच्छा से 17 परिवार हिन्दू बने थे। उस समय तमाम राजनीतिक दलों ने संसद के अंदर तक शोर किया था। उप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा था कि 'कुछ लोग अब प्रदेश में धर्मांतरण के नाम पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।' जबकि उन्होने धोखे और लालच से धर्मांतरण करा रहे ईसाई संगठनों को खूली छूट और संरक्षण दे रखा था।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उप्र में जब किसी दूसरे धर्म को स्वेच्छा से छोड़ कर कोई व्यक्ति या परिवार हिन्दू धर्म में शामिल होता है तो तथा कथित धर्मनिरपेक्ष विरोध शुरू कर देते है। लेकिन जब जबरदस्ती, धोखे से और लालच देकर हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो यही लोग धर्म परिवर्तन का समर्थन करने लगते है।  

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