पहले चरण से लेकर सातवें चरण तक मायावती के हाथी ने साइकिल की सवारी करके यूपी में गठबंधन भारी बना दिया है। अस्सी सीट में से गठबंधन पचास से जायदा सीटें सीट निकालता नजर आ रहा है। यह आंकड़े गठबंधन के जातीय वोट के आधार पर बताये गये है, दूसरा चरण से लेकर सातवें चरण तक तो भाजपा के लिए डूबा ही समझिए क्योंकि इस जातीय गणित ने उन्हें कहीं फिट नहीं होने नहीं दिया। कुल मिला के भाजपा डेढ़ सौ से ज्यादा सीट नहीं ला पाएगी। यूपीए की सरकार बनेगी।
गठबंधन की भारी जीत मिलते है बसपा सुप्रीमों मायावती का जीरो से लेकर हीरो बनने तक का सफर शुरू हो चुका होगा, क्योंकि अगर गठबंधन ने पचास से ज्यादा सीट जीत ली तो केंद्र की राजनीत इस गठबंधन के इर्द गिर्द घुमती नजर आ रही है। मायावती को इस सबके बीच जिस तरह अखिलेश का साथ मिल रहा है तो वो पीएम पद की दावेदार होंगी। अगर पीएम नहीं बनी तो देश की गृह मंत्री या रक्षा मंत्री मानकर चला जाय।
बसपा सुप्रीमों अगर पीएम बनती है तो भी देश की कानून व्यवस्था सुद्र्ण होगी और अगर ग्रह मंत्री बनी तब भी देश में कानून व्यवस्था जरुर चाक चौबंद होगा। मायावती का शिफर से शिखर तक का सफर आने वाले चुनाव परिणाम पर टिका हुआ है।
जहां तक मोदी का सवाल है, वे लड़ भले रहे हैं बनारस से, लेकिन उन्हें कन्हैया बेगूसराय से हरा देगा। राहुल गांधी प्रियंका के लिए अमेठी की सीट छोड़ देंगे और वायनाड़ चले जाएंगे। कांग्रेस बाहरी समर्थन से मायावती को प्रधानमंत्री बनवाएगी, लेकिन कुछ लोंगों का यह भी मानना है कि फिर डेढ साल बाद सरकार गिरा के बहुमत से सत्ता में आएगी।
यूपी से योगी की सरकार जाएगी। मोदी एंड कंपनी पर मुकदमा चलेगा। आफ्सपा, राजद्रोह, यूएपीए, सब काला कानून खत्म होगा। जेल का फाटक टूटेगा, अपना साथी छूटेगा। आरएसएस पर बैन लगेगा। अब आइडिया ऑफ इंडिया चलेगा। अच्छे दिन आएंगे। हिंदू राष्ट्र वाले पाकिस्तान जाएंगे।
आजकल मेरा बीपी बिलकुल दुरुस्त है क्योंकि मैं यही सब सकारात्मक बातें सोच रहा हूं। रोज़ डेढ़ किलो सकारात्मक बातें। पता है कैसे? सभी बातें सकरात्मक सोचिये जबाब आपको मिल जायेगा?