लखनऊ के होटल से खून लगे भगवा कुर्ते और बैग बरामद

कमलेश तिवारी हत्याकांड के बाद परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात

Update: 2019-10-20 08:30 GMT

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के परिजन से मुलाकात की। 18 अक्टूबर को लखनऊ में दो हमलावरों ने कमलेश की हत्या कर दी थी। मुख्यमंत्री ने कमलेश के परिवार को हत्यारों को जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। कमलेश की पत्नी ने हत्यारों के लिए फांसी की मांग की है। उधर, पुलिस को सुबह लखनऊ स्थित खालसा होटल से हमलावरों के भगवा कुर्ते और एक बैग मिला। वे सूरत से आकर इसी इसी होटल में ठहरे थे। पुलिस के हाथ उनके पहचान पत्र भी लगे हैं।

पुलिस ने कमलेश की हत्या के मामले में शनिवार को सूरत से तीन और बिजनौर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। हालांकि, वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी फरीद और अशफाक फरार हैं। जांच में सामने आया है कि घटना की साजिश दुबई में रची गई। हत्या को अंजाम देने के लिए सूरत में गैंग बनाई गई। इसके बाद लखनऊ जाकर हत्या की गई।

हमलावर असली पहचान पत्र से होटल में रुके थे

पुलिस के मुताबिक, फरीद और अशफाक असली पहचान पत्र के जरिए 17 अक्टूबर से खालसा होटल में ठहरे थे। उन्होंने रात करीब 11 बजे एक कमरा लिया था। वे अगले दिन सुबह करीब साढ़े दस बजे निकल गए। फिर दोपहर 1.20 बजे होटल लौटे और 1.37 बजे फिर चले गए। होटल की अलमारी से बैग, लोअर और लाल-भगवा कुर्ते मिले। सभी कपड़े और तौलिया पर खून के निशान मिले हैं। नए मोबाइल और चश्मे के डिब्बे, सेविंग किट आदि सामान मिले हैं।

सूरत-बिजनौर से अब तक 5 साजिशकर्ता गिरफ्तार

डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने कहा था कि कमलेश की हत्या के तार गुजरात से जुड़े हैं। सीसीटीवी फुटेज से सुराग मिलने के बाद गुजरात एटीएस ने सूरत से मौलाना मोहसिन सलीम शेख, फैजान युनूस भाई जिलानी और रशीद शेख को गिरफ्तार किया। वहीं, यूपी एटीएस ने कमलेश पर डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम रखने वाले बिजनौर के दो मौलानाओं माेहम्मद मुफ्ती नईम काजमी और इमाम माैलाना अनवारुल हक को पकड़ा है।

हमले की जिम्मेदारी अल-हिंद ब्रिगेड संगठन ने ली थी

पुलिस के मुताबिक, हमले की साजिश रशीद शेख ने दो महीने सूरत में रहकर रची थी। जबकि फैजान ने सूरत की दुकान से मिठाई खरीदी थी। वह दुकान की सीसीटीवी फुटेज में नजर आया है। जांच में पता चला है कि कमलेश को मारने गए हमलावरों के हाथ में मिठाई के यही डिब्बे थे, जिनमें उन्होंने हथियार छिपा रखे थे।

अब तक की जांच में किसी आतंकी संगठन की भूमिका सामने नहीं आई है। कमलेश ने 2015 में पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जो उनकी हत्या का कारण बनी। हमले की जिम्मेदारी अल-हिंद ब्रिगेड संगठन ने ली। जिसने कमलेश के बयान को इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने वाला बताया था।

योगी बोले- भय का माहौल तैयार करने वालों से सख्ती से निपटेंगे

योगी सरकार ने कमलेश के परिवार को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही है। योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा था कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी, दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। भय और आतंक का माहौल तैयार करने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। सरकार उनके मंसूबों को ध्वस्त करेगी।

वहीं, कमलेश के बेटे सत्यम ने कहा कि हम एनआईए से जांच कराना चाहते हैं। पिता के साथ सुरक्षा गार्ड थे, फिर भी वारदात हो गई। ऐसे में स्थानीय प्रशासन पर कैसे भरोसा करें। कमलेश की मां ने दावा किया है कि गांव में मंदिर को लेकर विवाद में स्थानीय भाजपा नेता ने बेटे की हत्या कराई।

हमलावरों ने पहले गला रेता, फिर गोलियां मारीं

लखनऊ में 18 अक्टूबर को दोपहर 12 से 12.30 बजे के बीच हमलावरों ने कमलेश की हत्या कर दी थी। दोपहर में दो लोग उनसे मिलने पार्टी ऑफिस आए थे। पहले उन्होंने कमलेश का गला रेता, फिर मिठाई के डिब्बे से पिस्तौल निकालकर गोलियां मारीं। कमलेश हिंदू महासभा के भी नेता रहे थे।

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