आउटसोर्सिंग, संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन ,सेवा सुरक्षा, रिक्त पदों पर नियुक्ति में वरीयता पर बनेगी नीति, जल्द होगा निर्णय - ACS अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक

Policy will be made on outsourcing, minimum wage to contract employees, service security, preference in appointment to vacant posts, decision will be taken soon - ACS Additional Chief Secretary Appointment and Personnel

Update: 2023-07-15 06:35 GMT

 लखनऊ: कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की। साथ ही कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की मागों पर चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने आश्वासन भी दिया। सचिवालय स्थित कार्यालय में हुई मुलाकात के दौरान अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे। अपर मुख्य सचिव से मुलाकात के दौरान मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल में वीपी मिश्र, शशि कुमार मिश्र, अतुल मिश्रा ,सुरेश रावत और घनश्याम यादव उपस्थित रहे।

मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र व महासचिव शशि कुमार मिश्र ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक को बताया कि कर्मचारी संगठनों के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए स्थानांतरण नीति में धारा 12 को समाप्त करने विभागीय अधिकारियों द्वारा संगठनों के पदाधिकारियों के साथ प्रत्येक माह मांगों पर वार्ता न करने से कर्मचारी संगठन आक्रोशित हैं और आंदोलन चल रहे हैं। आगे आंदोलन बढ़ सकता है इसलिए शासन व कर्मचारियों के बीच आपसी सामंजस्य बनाने की जरूरत है, इस विषय पर मुख्यमंत्री के साथ बैठक होनी आवश्यक है उनके स्तर पर एक भी बैठक नहीं हुई । इस पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि इस विषय पर मुख्यमंत्री स्तर पर बैठक के लिए वार्ता करके बैठक लगाने का प्रयास करेंगे।

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ विभाग के महानिदेशक द्वारा मान्यता प्राप्त संघों के पदाधिकारियों को चिट फण्ड में रजिस्ट्रेशन व रिनिवल न होने के कारण अमान्य माना जा रहा है और संघों के पत्रो पर कार्यवाही नही की जा रही । जबकि कार्मिक विभाग द्वारा जारी मान्यता नियमावली के विपरीत है । उसपे अपर मुख्य सचिव ने निर्देश जारी करने के लिए निर्देशित जारी किया है।

अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक ने कहा कि कर्मचारी संगठनों की मांगों पर उनका सार्थक दृष्टिकोण रहा है और वह पूरा प्रयास करेंगे कि कर्मचारियों की समस्याओं पर सार्थक निर्णय हो।

इन मांगों पर सहमति बनी

1. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वेतन समिति की बैठक शीघ्र होगी। जिसमें डिप्लोमा फार्मासिस्ट ,लैब टेक्नीशियन एवं नेत्र परीक्षण अधिकारी की वेतन विसंगतियों पर निर्णय होगा ।

2. कैशलेस इलाज की व्यवस्था में बाधाओं को दूर करने के निर्देश प्रमुख सचिव स्वास्थ को दिया ।

3. सिंचाई,केजीएमयू आदि के सेवानियमावलियों एवं कैडर पुनर्गठन पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक स्वयं विभागों से समन्वय स्थापित करके आदेश जारी करायेंगे ।

4. आउटसोर्सिंग और संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन देने ,सेवा सुरक्षा एवं रिक्त पदों पर नियुक्ति में वरीयता देने पर नीति बनाई जा रही है बहुत जल्दी निर्णय कराए जाएंगे।

5. स्थानीय निकाय के दैनिक, संविदा कर्मचारी जो 31 दिसंबर 2001 तक के हैं उनके विनियमितीकरण ,कैडर पुनर्गठन पर समयबद्ध विनियमितीकरण कराने की कार्यवाही जल्द पूरी कराई जाएगी।

6. राजकीय निगमों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने ,महंगाई भत्ते की बकाया किस्तों का भुगतान कराने एवं पुनर्गठन की कार्यवाही पर अपर मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्यम एवं संबंधित निगम के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर शीघ्र निर्णय कराया जाएगा । उन्होंने प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्यम से बात करके उन्हें निर्देश भी दिया ।

7. प्रमुख सचिव परिवहन को निर्देश दिया कि उनके साथ रोडवेज़ कर्मचारी संयुक्त परिषद से हुए समझौतों को लागू किया जाए। महंगाई भत्ते की किश्तों के संबंध में परिवहन निगम के प्रस्ताव पर आदेश जारी कराए जाएं।

8. स्वास्थ्य विभाग के जिला चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज बनाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग के पैरामेडिकल पदों को विभाग को वापस कराने के संबंध में उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से वार्ता करके शीघ्र निर्णय कराएंगे।

9. स्थानांतरण नीति की पैरा 12 को समाप्त कर पूर्व की व्यवस्था लागू करने पर उन्होंने बताया कि इस बिंदु पर मुख्यमंत्री से बातचीत कर संशोधन कराने का निर्णय करने का प्रयास करेंगे ,कार्मिक विभाग इससे सहमत है। 

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