जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश करने से पहले इस्तीफा देने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद सुरेंद्र सिंह नागर (Surendra Singh Nagar) और संजय सेठ (Sanjay Seth) को बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव ने शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई. एक खबर यह भी है कि अभी कुछ और नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
इस मौके पर सुरेंद्र नागर ने कहा कि जिस तरह से धारा 370 हटाया गया मैं उससे प्रेरणा लेकर बीजेपी में शामिल हो रहा हूं. मुझे बीजेपी के नेतृत्व में विश्वास है. वहीं, संजय सेठ ने पार्टी की सदस्यता लेते हुए कहा कि मैं पीएम मोदी और अमित शाह जी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे अपने परिवार में शामिल किया. मैं मोदी जी की नीतियों का समर्थक हूं.
पिछले एक महीने में समाजवादी पार्टी और राज्यसभा से इस्तीफा देने वाले संजय सेठ तीसरे सांसद हैं. इससे पहले नीरज शेखर और सुरेंद्र नागर ने भी राज्यसभा और एसपी से अपना इस्तीफा दे दिया था. नीरज शेखर पहले ही बीजेपी जॉइन कर चुके हैं. उन्हें बीजेपी ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है.
जानें कौन हैं समाजवादी पार्टी के कोषाअध्यक्ष रह संजय सेठ
संजय सेठ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी थे. उनके यादव परिवार के साथ बहुत ही पारिवारिक संबंध थे. सेठ का कार्यकाल 2022 तक था. संजय सेठ सेंट्रल उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े बिल्डरों में से एक हैं. बताया जाता है कि संजय सेठ मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव के बिजनस पार्टनर भी हैं. वे शालीमार कंपनी के चेयरमैन भी हैं. इटावा के सिविल लाइंस इलाक़े की मुलायम सिंह की जो कोठी है उसे संजय ने ही बनवाया था. अखिलेश यादव जब मायावती से मिलने गए थे, तब सिर्फ़ संजय सेठ ही उनके साथ थे.
अखिलेश लखनऊ में 4 विक्रमादित्य मार्ग वाले बंगले में रहते हैं. इसका डिज़ाइन और इंटीरियर भी संजय सेठ ने ही बनवाया. कहते हैं मुलायम और अखिलेश के बेहतर हो रहे रिश्तों की वजह भी सेठ ही हैं. यही नहीं मायावती और अखिलेश को क़रीब लाने में भी सेठ का बड़ा रोल रहा है. संजय सेठ मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बेहद खासमखास रहे हैं और ऐसे में उनका बीजेपी में शामिल होना कई लोगों को चौंका सकता है. संजय सेठ के इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा में एसपी के सिर्फ दस सांसद रह गए हैं
जानिए कौन हैं सुरेन्द्र नागर
सुरेंद्र नागर भी बड़े उद्योगपति हैं. उनका दूध का बिजनेस है. वे बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लोकसभा सांसद बने थे. 2009 में उन्होंने गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से उन्होंने चुनाव जीता था. इसके बाद वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया.
सुरेंद्र नागर को वेस्ट यूपी में बड़ा गुर्जर नेता माना जाता है. वे मायावती और अखिलेश यादव के खास रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बाद सुरेंद्र नागर अब बीजेपी का हिस्सा बन गए हैं. हालांकि इस बात की काफी चर्चाएं उसी वक्त से थीं जब उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दिया था.