उत्तर प्रदेश में एससी-एसटी के जाति प्रमाण पत्र अंग्रेजी में भी बनेंगे

Update: 2019-09-06 13:51 GMT

 यूपी में निवास कर रहे अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के वो लोग जिन्हें प्रदेश व प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों की सेवाओं के लिए निकलना पड़ता है, उन सभी के जाति प्रमाण पत्र अब हिन्दी के साथ ही अंग्रेजी भाषा में भी बनाये जायेंगे। इसके मद्देनजर सभी मंडलायुक्त और समस्त जिलाधिकारी कार्यालयों को शासनादेश जारी कर दिया गया है।

शासन द्वारा इस नयी व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का यही कहना है कि इससे उपरोक्त जाति-वर्ग के व्यक्तियों को काफी सहूलियत मिलेगी। साथ ही यह भी बताया गया कि अंग्रेजी भाषा में भी सर्टिफिकेट बनाये जाने से संबंधित व्यक्ति के नाम, पते व जाति के शब्दों में त्रुटियां भी नहीं के बराबर होंगी। हालांकि यहां पर यह भी प्रश्न उठता है कि आखिर किसी एक खास वर्ग और केवल जाति संबंधी प्रमाण पत्र के लिए ही अंग्रेजी भाषा में सर्टिफिकेट प्रदान करने की व्यवस्था क्यों की गई। ऐसे में तो ओबीसी व जनरल वर्ग से जुडे लोगों को भी इस प्रकार की व्यवहारिक दिक्कतें आती रहती हैं, उनके निवारण के लिए शासन ने क्यों नहीं ऐसी कोई नयी व्यवस्था पर विचार किया।

वैसे बता दें कि अभी जब तक यह व्यवस्था नहीं बनी थी, तो प्रदेश में निवास करने वाला कोई व्यक्ति जब बाहरी प्रदेश की सेवाओं के लिए वहां पर आवेदन आदि करता था तो केवल हिन्दी भाषा में मिले जाति प्रमाण पत्र को ही संबंधित राज्य के प्रशासन के समक्ष दर्शा पाता था। इस स्थिति में विशेषकर दक्षिण भारत के प्रमुख राज्यों जैसे-बंगलुरू, केरल, हैदराबाद, चेन्नई, विशाखापट्टनम आदि में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को काफी दिक्कतें होती रहीं।

ऐसा इसलिये क्योंकि जब भी हिन्दी भाषा में जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाता तो अधिकांशत: उक्त राज्यों की प्रशासनिक टीम को इसे वेरीफाई करने में भाषा संबंधी परेशानी होती और इसके चलते बेवजह ही यूपी के संबंधित लोगों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता। अब जबकि नया शासनादेश लागू कर दिया गया है तो लखनऊ सहित पूरे प्रदेश के मंडल व जनपदीय प्रशासन को निर्देशित कर दिया गया है कि आगे से उपरोक्त श्रेणी के लोगों के जाति प्रमाण पत्र अंग्रेजी भाषा में भी बनाये जायें।

'नये शासनादेश के तहत अब लखनऊ जनपद में एससी-एसटी वर्ग के लोगों के जाति प्रमाण पत्र अंग्रेजी भाषा में बनाये जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए संबंधित प्रशासनिक टीम को स्पष्ट रूप से निर्देशित कर दिया गया है और साथ ही इसकी समय-समय पर मॉनीटरिंग भी की जायेगी ताकि संबंधित लोगों को सर्टिफिकेट बनवाने में कोई दिक्कत न होने पाये।'

-श्रीप्रकाश गुप्ता, एडीएम प्रशासन

लखनऊ जनपद

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