31 जनवरी से यूपी में लॉ एंड ऑर्डर व इन्वेस्टिगेशन के लिए अलग-अलग पुलिस, जानें कैसे करेगी काम

सभी विवेचनाओं की कार्ययोजना थाना प्रभारी के माध्यम से ही तैयार होगी। इसे सीओ या सहायक पुलिस आयुक्त को भेजी जाएगी।

Update: 2020-01-25 09:35 GMT
UP DGP OP Singh (File Photo)

अब उत्तर प्रदेश पुलिस का काम 31 जनवरी से बंट जाएगा। योगी सरकार की यूपी पुलिस की टीम धरना, सड़क पर जाम हटाना, पेट्रोलिंग, बैरिकेडिंग, एफआईआर जैसे लॉ एंड आर्डर के लिए अलग होगी तो दूसरी टीम 50 लाख से अधिक के आर्थिक, धोखाधड़ी के अपराध,जाली मुद्रा के अपराध, आईटी एक्ट के अपराध, भारतीय दंड विधान की धारा 406, 407, 408, 409, 420, 424, 465, 467, 468, 471 और 472 में दर्ज मामले, पॉक्सो के अंतर्गत दर्ज मामले, राष्ट्र के खिलाफ किए गए अपराध की जांच करेगी। यानी विवेचना करने वाली टीम अलग होगी और लॉ एंड ऑर्डर देखने वाली अलग।

बता दें यूपी पुलिस को चुस्त-दुरुस्त बनाने में योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में बढ़ रही पुलिस की चुनौतियों और उनकी जिम्मेदारियों को देखते हुए राज्य में अब कानून व्यवस्था व आपराध की विवेचना करने लिए अलग-अलग टीम होगी। अब जिला मुख्यालय के अलावा हर थाने पर एक क्राइम ब्रांच गठित किया जाएगा। इसको लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ने निर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश 31 जनवरी से प्रभावी हो जाएगा।

कानून का बेहतर ज्ञान वाले SI को वरियता

निर्देश के मुताबिक यूपी पुलिस की विवेचना ईकाई में कर्मचारियों की नियुक्ति जिला प्रभारी के अधीन गठित जनपदीय पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा ही की जाएगी। इस टीम कार्य करने के लिए इच्छुक कर्मचारियों को वरियता मिलेगी। इसके अलावा ऐसे एसआई जिन्हें कानून का बेहतर ज्ञान हो या लॉ की डिग्री हो, उन्हें वरियता दी जाएगी। इसके अलावा विवेचना ईकाई में नियुक्ति की न्यूनतम अवधि 2 साल होगी। निर्धारित कार्यकाल से पहले विवेचना अधिकारियों या कर्मचारियों का ट्रांसफर पदोन्नति या थानाध्यक्ष बनने पर ही किया जाएगा।

ऐसे काम करेगी विवेचना ईकाई

किसी घटना के बाद पहले जिस तरह पुलिस कार्यवाही करती थी वैसे ही करेगी लेकिन अब नई व्यवस्था में विवेचना करने वाली टीम भी घटना स्थल पर पहुंचकर विधिक कार्यवाही करेगी।

एफआईआर दर्ज होने के बाद विवेचना ईकाई द्वारा की जाने वाली विवेचनाओं का आवंटन टीम के विवेचकों को दिया जाएगा।

निरीक्षक आपराध, प्रभारी निरीक्षक की अनुपस्थिति में प्रभारी निरीक्षक के दायित्यों का निर्वहन करेंगे।

किसी भी परिस्थिति में कानून-व्यवस्था संभाल रही पुलिस को विवेचना स्थानांतरित नहीं की जाएगी।

किसी भी विवेचना ईकाई को दूसरी ईकाई या थाने में ट्रांसफर पुराने नियमों के आधार पर होगा।

ये होगी जिम्मेदारी

घटना स्थल पर सभी सबूतों को फॉरेंसिक टीम की मदद से इकट्ठा करना पुलस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी कार्यालय में स्थापित मॉनिटरिंग सेल से समन्वय स्थापित करना और कोर्ट में विचाराधीन जघन्य मामलों की प्रभावी पैरवी करना।

सम्मन, वारंट का तामीला और समय पर कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित कराना

अभियुक्तों के रिमांड की कार्यवाही, जमानतदारों का सत्यापन और कोर्ट में आख्या प्रस्तुत करना

जमानत पर रिहा अभियुक्तों द्वारा जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ जमानत रद्द करवाने की कार्यवाही करना

विवेचना की कार्ययोजना

सभी विवेचनाओं की कार्ययोजना थाना प्रभारी के माध्यम से ही तैयार होगी। इसे सीओ या सहायक पुलिस आयुक्त को भेजी जाएगी।

Tags:    

Similar News