चुनाव आयोग जितना ज्यादा ताकतवर होगा, लोकतन्त्र उतना ही मजबूत होगा- न्यायमूर्ति सुधीर सक्सेना
लखनऊ:''भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश में संवैधानिक संस्थाओं को स्वतन्त्र एवं मजबूत होना चाहिए। चुनाव आयोग जितना ज्यादा ताकतवर होगा, लोकतन्त्र उतना ही मजबूत होगा। जनता बाहुबलियों एवं धनबलियों के मुकाबले अपने प्रत्याशी चुनाव में खडे करे, इससे राजनैतिक दलों में हलचल मचेगी, जिससे वे स्वच्छ छवि के प्रत्याशी को अपनी-अपनी पार्टी से टिकट देने के विवश होंगे ।''
उपरोक्त विचार राज्य लोक सेवा अधिकरण, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुधीर सक्सेना ने एसोशिएशन फाॅर डेमोक्रेटिक रिफाॅम्र्स (एडीआर.) एवं यूपी इलेक्शन वाॅच के तत्वाधान में बाबा साहब केन्द्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के सभागार में आयोजित ''चुनाव सुधार में युवाओं की भूमिका'' विषयक राज्य स्तरीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रुप में सम्बोधित कर रहे थे।''
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सक्सेना ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यालयों में एनएसएस, एनसीसी, स्काउट, रोबर्स रेंजर्स आदि की शिक्षा को अनिवार्य किया जाने चाहिये ताकि विद्यार्थियों में मानवीय व सामाजिक गुणों का विकास हो। जब तक व्यक्ति के अन्दर नैतिक गुणों का विकास नहीं होगा, तब तक लोकतान्त्रिक व्यवस्था परिपक्व नहीं होगी। उन्होंनें कहा कि लोकतन्त्र को मजबूत बनाने में एडीआर के प्रयास सराहनीय हैं।
उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए उ. प्र. के उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी रत्नेश कुमार सिंह ने कहा कि जनजागरुकता की वजह से उत्तर प्रदेश में मत प्रतिशत बढा है। वोटर साक्षरता क्लब एवं मतदान चैपालों के माध्यम से मतदाताओं को जागरुक करने का काम निर्वाचन आयोग कर रहा है, जिसमें एडीआर जैसे संगठन अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।
इस अवसर एडीआर के राष्ट्रीय प्रमुख मेजर जनरल अनिल वर्मा ने एडीआर के उद्देश्यों एवं कार्यक्रमों के विषय में अवगत कराते हुए उपस्थित युवा मतदाताओं से आव्हान किया कि देश के लोकतान्त्रिक ढांचें को बचाने के लिए वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंनें कहा कि एडीआर ने देश में एक नवाचार प्रारम्भ किया है, जिसके तहत् ''कैम्पस एम्बेसडर'' नामित किये जा रहे हैं, जिनके माध्यम से युवाओं को जाति, धर्म, क्षेत्र से परे अच्छे और सच्चे प्रत्याशियों के चयन को प्रोत्साहित किया जायेगा, इस क्रम में बाबासाहब अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ में भी कैम्पस एम्बेसडर नामित किये जायेगें।
''चुनाव सुधार में युवाओं की भूमिका और राजनैतिक दलों की प्राथमिकतायें'' विषयक सत्र को सम्बोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी उ0 प्र0 के प्रवक्ता हरीश चन्द्र श्रीवास्तव, समाजवाद पार्टी की प्रवक्ता श्रीमती जूही सिंह, कांग्रेंस प्रवक्ता डाॅ. हिलाल नकवी, लोकदल के प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी ने अपनी-अपनी पार्टी की प्राथमिकताओं को युवाओं के समक्ष रखा। इस मौके पर युवाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सुरक्षा जैसे मुद्दों पर पूछे गये तीखे सवालों पूछे। युवा मतदाताओं ने सवाल उठाये कि मतदान में नोटा से कम मत पाने पर प्रत्याशियों को छह वर्षों के लिए चुनाव लडने पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु अपनी अपनी पार्टी में आम सहमति बनाने का प्रयास करें। एडीआर के प्रदेश समन्वयक अनिल शर्मा ने कहा कि जनता धनबल और बाहुबल से ऊबकर सच्चे और अच्छे प्रत्याशियों को चन्दा देकर चुनाव जिता रही है।
''चुनाव सुधार में मीडिया की भूमिका'' विषयकसत्र में वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र शर्मा, राजकुमार सिंह, सौरभ मिश्रा ने चुनावों में राजनैतिक दलों द्वारा प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया के प्रयोग पर चर्चा की। साथ ही वक्ताओं द्वारा पेड एवं फेक न्यूज के दुष्प्रभावों का भी अपने सम्बोधन में जिक्र किया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से यू.पी. इलेक्शन वाॅच से जुडे पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्याथी उपस्थित थे। कार्यक्रम में एडीआर के प्रदेश मुख्य समन्वयक संजय सिंह, प्रो. डी. पी. सिंह, प्रो. रिपुसूदन सिंह, डाॅ. मुहम्मद नईम, रामकृष्ण शुक्ला, डाॅ. नन्दकिशोर मौर्य, एडीआर के राज्य प्रतिनिधि सन्तोष श्रीवास्तव, मनीष गुप्ता, कीर्ति मिश्रा, सुप्रिया सिंह, मीनाक्षी, शशिशेखर दुबे, महेश पटैरिया, रामकुमार जादौन, मुदित चिरवारिया सहित विभिन्न विभागों के प्राध्यापक उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अन्त में एडीआर द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए एडीआर के प्रमुख संजय सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय दलों द्वारा वर्ष 2016-17 में प्राप्त धन का विश्लेषण एडीआर द्वारा किया गया है, जिसमें निकल कर आया है कि समाजवादी पार्टी को 6.51 करोड रुपये चन्दे के रुप में मिले हैं, वहीं आम आदमी पार्टी को 24.73 करोड, शिवसेना को 25.65 करोड रुपये मिला है। क्षेत्रीय दलों द्वारा प्राप्त कुल दानों का 72.05 प्रतिशत रुपये 65.83 करोड का दान शीर्ष के तीन दलों ने प्राप्त किया। क्षेत्रीय दलों के नगदी दान में कमी आई है। रिपोर्ट के आधार पर एडीआर ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिसके क्रम में, उम्मीदवारों को शपथपत्र का कोई भी हिस्सा खाली नहीं रखना चाहिए। इसी प्रकार फार्म 24 ए, को भी राजनैतिक दलों द्वारा वास्तविक सूचनाओं सहित भरा जाना चाहिए। चुनाव आयोग के द्वारा निर्धारित समय सीमा के अन्दर जिन दलों ने अपनी दान रिपोर्ट जमा नहीं की है, उन्हें कर में छूट नहीं मिलनी चाहिए। राजनैतिक दलों को सूचना के अधिकार के अन्तर्गत निरन्तर तौर से जानकारी प्रदान करनी चाहिए, ऐसा करने से राजनैतिक दल, चुनाव प्रक्रिया और लोकतन्त्र सशक्त होगा। प्रेस वार्ता में एडीआर के राष्ट्रीय प्रमुख मेजर जनरल अनिल वर्मा व एडीआर के समन्वयक अनिल शर्मा विशेष रुप से उपस्थित थे।