प्रधानमंत्री का तुगलकी फरमान, अर्थशास्त्र में उनके अल्प ज्ञान के कारण देश में आर्थिक बर्बादी हो रही है - प्रमोद तिवारी
कांगेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने पत्र लिखकर तथा स्वयं पहल करके मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर हुई भर्ती में आरक्षण को बनाये रखते हुये जो सवर्ण अभ्यर्थी चयनित हुये हैं और जिनका नाम सूची में प्रकाशित हुआ है उन्हें रिक्त सीटों के सापेक्ष तत्काल साथ ही साथ नियुक्ति प्रदान की जाय।
प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यह अन्याय होगा कि जिन अभ्यर्थियों का नाम चयनित होने के उपरांत सूची में प्रकाशिति था उनको दोबारा आरक्षण के नाम पर नियुक्त न किया जाना उचित नहीं है जबकि पर्याप्त स्थान रिक्त हैं। उन्होंने कहा है कि मेरे सुझाव के अनुसार आरक्षण को बनाये रखते हुये चयनित सवर्ण अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की जाय।
तिवारी ने इस संदर्भ में वार्ता करके विभाग के संबंधित अधिकारियों को भी स्पष्ट किया है कि ऐसा किया जाना चाहिए अन्यथा कांगे्रस पार्टी माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगी और बेसिक षिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के लिये चयनित अभ्यर्थियों को उनका अधिकार दिलायेगी।
तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बैंकों की खस्ताहाल तथा विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी एवं मेहुल चैकसी सहित तमाम भगोड़ों के लिये तत्कालीन यूपीए सरकार को दोषी ठहराने को हास्यास्पद बताया है और कहा है कि उनका यह कृृत्य ''उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'' वाली कहावत को यह पूरी तरह चरितार्थ करती है। अर्थशास्त्रका प्रारम्भिक ज्ञान रखने वाला व्यक्ति भी इस सच्चाई को जानता है कि ''नोटबन्दी'' ने इस देष की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। और जितने भी भगोड़े हैं उनके स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से तथा भारतीय जनतापार्टी से आर्थिक और राजनैतिक रिष्ते जगजाहिर हैं ।
तिवारी ने कहा है कि नोटबन्दी के बाद 99.03ः धनराषि बैंकों में जमा हुआ है तो चार- पांच लाख करोड़ रुपये का कालाधन कहांॅ गया। मोदी जी इसका जवाब देष की जनता को दें । ब्लैक मनी को व्हाईट मनी में किसने बदला ? आतंकी फण्डिंग कौन कर रहा है ? और किस फण्ड से हो रही है? इसकी जवाबदेही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बनती है। वे इससे मुंह नही मोड़ सकते। इस विषय पर उनकी चुप्पी से देश आहत और ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्हें इसके लिये देष से क्षमा याचना करनी चाहिए।
तिवारी ने कहा है कि नोटबन्दी'' जहां प्रधानमंत्री का तुगलकी फारमान'' था वहीं इसकी सजा अर्थशास्त्र में उनके अल्प ज्ञान'' के कारण देश आर्थिक बर्बादी से चुका रहा है। उनकी जिद'' ने करोड़ों नवजवानों, छोटे व्यापारियों और छोटे उद्योगपतियों का भविष्य समाप्त कर दिया है।
तिवारी ने कहा है कि विजय माल्या को राज्य सभा किसने पहंुॅचाया ? क्या इससे भी प्रधानमंत्री जी इंकार करेंगे ? सच्चाई तो यह है कि अपने बड़े उद्योगपति मित्रों को लाभ पहंुॅचाने के चक्कर में छोटे व्यापारियों एवं छोटे उद्योगों की उन्होंने बलि चढ़ा दी, और बेरोजगार नवजवानों की एक ''फौज'' खड़ी कर दी।
तिवारी ने कहा है कि देष का जब इतिहास लिखा और पढ़ जायेगा तो ''मोदी सरकार'' के वर्ष 2014 से 2019 तक के कार्यकाल को एक ''काले अध्याय'' के तौर पर याद किया जायेगा। उनके भ्रष्टाचारी मित्रों और ''तुगलकी फरमान'' ने देश को अंगे्रजों की तरह लूटा। और बेरोजगार नवजवानों की संख्या सर्वाधिक बढ़ाकर उन्होंने रिकाॅर्ड बना दिया है।
तिवारी ने कहा है कि राफेल इस देष का ही नहीं अपितु ''एशिया महाद्वीप'' का सबसे बड़ा ''रक्षा घोटाला'' है । रु0 1,30,000 करोड़ (एक लाख तीस हजार करोड़ रुपये) के इस सौदे में जैसे- जैसे परतें खुलती जा रही है वैसे- वैसे देश के आर्थिक हित की तिलांजलि से लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति की पे्रमिका को खुश करने के लिये लुटाई गयी दौलत की सच्चाई और उसका हिसाब भी सामने आने लगा है। और इसी घोटाले के कारण फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति सत्ता से हटे थे और अब मोदी जी भी एनडीए सरकार को ले डूबेंगे।
तिवारी ने कहा है कि इस बार बारिश ने उत्तर प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिये हैं, और जहांॅ बाढ़ नहीं भी आई है वहांॅ लाखों मकान क्षतिग्रस्त हुये हैं, संपर्क मार्ग टूट गये हैं, क्षतिग्रस्त हो गये हैं और बह गये हैं। केन्द्र सरकार को उत्तर प्रदेश सरकार को इसके लिये ''स्पेशल पैकेज'' देना चाहिए, और क्षतिग्रस्त मकानों की भरपाई के लिये प्रधानमंत्री आवास'' सर्वोच्च प्राथमिकता पर गरीबों को दिये जाने चाहिए।