विवेक तिवारी हत्याकांड: सिपाही संदीप को मिली जमानत

Update: 2019-04-16 06:56 GMT

लखनऊ सबसे चर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड जिससे उस समय योगी सरकार सबसे बड़े संकट में फंस गई थी. बमुश्किल सरकार ने जैसे तैसे इस मुद्दे को शांत किया था. अब इस हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है. जब इस काण्ड के आरोप में गिरफतार किये गये यूपी पुलिस के सिपाही संदीप की जमानत याचिका मंजूर कार ली गई है. 


कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार विवेक तिवारी हत्याकांड के मामले में दूसरे पुलिस वाले संदीप कुमार ने जमानत याचिका डाली थी. जिसके बाद माननीय न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने सरकारी वकील की सारी बहस को खारिज कर दिया और जमानत की अर्जी को मंजूर कर लिया. कोर्ट ने इस पर साफ़ कर दिया कि गोली प्रशासन ने मारी थी और सदीप के खिलाफ अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है. इसके लिए ये अर्जी मंजूर हुई है. फिलहाल जमानत मिलने से सिपाही संदीप को बड़ी राहत मिली है. 


बता दें कि लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में 29 सितंबर 2018 की रात एप्पल के एरिया सेल्स मेनेजर विवेक तिवारी की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने सीजीएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें सिपाही प्रशांत चौधरी के खिलाफ हत्या की धारा लगाते हुए पूरी वारदात का मुख्य आरोपी बताया गया था. जबकि मामले में आरोपी एक अन्य सिपाही संदीप को क्लीन चिट दी गई थी. फिलहाल दोनों ही आरोपी जेल में बंद हैं.


मालूम हो कि विवेक तिवारी हत्याकांड में अब तक दो एफआईआर दर्ज हो चुकी है. इसमें पहली एफआईआर मामले की एकमात्र चश्मदीद सना की तरफ से दर्ज हुई थी.उस एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया था, आरोपी को अज्ञात बताया गया था.  इसके बाद विवेक तिवारी की पत्नी की तरफ से दूसरी एफआईआर दर्ज की गई. जिसमें दोनों सिपाहियों को नामजद किया गया. वहीं मामले में गिरफ्तार होने से पहले गोमतीनगर थाने में प्रशांत चौधरी और उसकी पत्नी आरोप लगा रहे थे कि उनकी शिकायत को पुलिस दर्ज नहीं कर रही है.


अब देखना यह है कि इस केस से यूपी ही नहीं पूरे देश में खलबली मची उसके परिणाम क्या आयेंगे. इस केस में विवेक तिवारी को न्याय मिलेगा या फिर जॉली एलएलबी टू की तरह गवाह की वाट जोहते जोहते न्यायमूर्ति फिर एक गंभीर निर्णय सुनायेंगे. 


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