फर्जी नायको महानायकों हैदराबाद और उन्नाव पर खमोश क्यों? - कुमार विश्वास

Update: 2019-12-08 03:03 GMT

देश में जब भी देश के हित की या अनहित की बात सामने आती है तो हिंदी के जाने माने कवि डॉ कुमर विश्वास खामोश नहीं रह पाते. कुमार के इस बोलने के कारण बड़े नुक्सान भी हुए. लेकिन जिद के पक्के कुमार ने कभी समझौता न कर बोलना जारी रखा. बात चाहे कश्मीर की हो या हो सीमा की या फिर देश में फैले रेप की. 

डॉ कुमार विश्वास ने उन्नाव के पहले रेप से लेकर अब तक जितनी बहिन बेटियों के साथ घटना घटी उन सभी पर लिखा उनके समर्थन में लिखा कि इन नर पिशाचों को बड़ी से बड़ी और सख्त से सख्त सजा दी जाय.

लेकिन आज कुमार विश्वास ने कहा है कि नोटंकी बाज राजनैतिक लोंगों से बचिए जिन्होंने अब तक हैदराबाद एनकाउंटर और उन्नाव घटना पर कोई बात नहीं कही. जो कभी किसी भी बात पर बडबडाते नजर आते है. 

कुमार विश्वास ने कहा है कि फ़र्ज़ी नायकों-महानायकों को "भारत" समझने वाले भोले-भाले प्रशंसकों-पुजारियों से अनुरोध है कि अपने इन मुम्बईया व क्रिकिटिया देवी-देवताओं का एक भी ट्वीट, एक भी कमेंट हमारी हैदराबाद-उन्नाव की बहनों-बेटियों के साथ व्यवस्था द्वारा किए दिल दहला देने वाले वाक़ये पर, ढूंढ़ कर लाएँ. ज़रा पहचानों इन्हें देशवासियों, तुम तो इनके तीसरे-चौथे प्रयोग से पैदा औलादों तक के डायपर झंडे की तरह उठाए फिरते हो ये तुम्हारी-हमारी सामाजिकता की मौत पर पलक तक नहीं झुकाते ‬कि कहीं "सरकार बहादुर" इनसे नाराज़ न हों जाएँ . किसी को भेजो जो इन प्रवासी पासपोर्ट धारी सीमेंट-टाइल-तेल-चड्डी बेचू भावनाओं के दुकानदार देशभक्तों से इन्हीं की बेशर्म स्टाइल में जरा खींसे निपोर कर पूछे कि "कैसे...कैसे कर लेते हैं आप ये ?"

‪जिस्म की भूख कहें या हवस का ज्वार कहें,‬

‪सतही जज़्बे को मुनासिब नहीं है प्यार कहें !‬

‪जलते इन्सान की बदबू से हवा बोझल है ,‬

‪फिर भी इसरार है मौसम को ख़ुशगवार कहें..!‬

‪(अदम गौंडवी)‬

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