यूपी में बीजेपी ने सपा के साथ मिलकर साजिस रच बसपा को हराया - मायावती

Update: 2019-10-25 06:51 GMT

उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी पहली बार उपचुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरी थी. लोकसभा में जब बसपा सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी और परिणाम आये तो बसपा ने पीसी करके सबसे पहले सपा से संबंध तोड़ने का ऐलान करते हुए विधानसभा उपचुनाव की बात कही. लेकिन लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा का साथ लेकर खुद की पहचान तो बना ली लेकिन सपा को इस बेमेल जोड़ का बड़ा नुकसान हुआ. 

उसके बाद आज उपचुनाव के परिणाम में बसपा को कोई सीट नहीं मिली जबकि कई सीटों में अब बसपा चौथे नंबर की पार्टी बन गई जबकि इस उपचुनाव में कांग्रेस ने पानी स्तिथि जरुर संभाली है, यूपी में योगी आदित्यनाथ ने आठ सीटें जीतकर अपना वजूद कायम रखते हुए प्रियंका गाँधी ने भी अपनी उपस्तिथि का एहसास कराने का प्रयास किया है जबकि अखिलेश यादव की सपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी पहचान कायम रखी है. 

इस परिणाम के बाद बसपा सुप्रीमों ने कहा कि यूपी विधानसभा आमचुनाव से पहले बीएसपी के लोगों का मनोबल गिराने के षडयंत्र के तहत बीजेपी द्वारा इस उपचुनाव में सपा की कुछ सीटें जिताने व बीएसपी को एक भी सीट नहीं जीतने देने को पार्टी के लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं। वे इनके इस षडयंत्र को फेल करने के लिए पूरे जी-जान से जरूर जुटेंगे.

उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता भी बीजेपी सरकार के कुशासन से काफी दुःखी व त्रस्त थी और इनसे मुक्ति चाहती थी. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने स्वार्थ के लिए जनता में वोटों के बंटने के भय को खूब प्रचारित किया. इससे बीएसपी के समर्पित वोटर तो कतई नहीं डिगे परन्तु अन्य वोटर जरूर भ्रमित हो गए. इसका परिणाम यह हुआ कि बीएसपी इस बार हरियाणा विधानसभा आमचुनाव में सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी, हालाँकि बीएसपी को पिछली बार से ज्यादा वोट मिले हैं.

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