बीजेपी की उम्र को लेकर दोहरी रणनित क्यों? जानिए किस किस को मिला यूपी में 70 वर्ष की उम्र में टिकिट !

Update: 2019-04-16 06:15 GMT

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की कई टिकिटें काटकर क्या संदेश देने का प्रयास किया है यह अभी समझ में नहीं आ रहा है. जबकि बीजेपी अपने किये हुए वादों से खुद ही मुकरती नजर आ रही है. बीजेपी ने सरकार बनने के बाद घोषणा की कि मोदी सरकार के मंत्रीमंडल में कोई भी व्यक्ति सत्तर साल से उपर का मंत्री नहीं रहेगा. इसके चलते कई मंत्रियों को इस्तीफे भी देने पड़े. 


इन इस्तीफा देने वाले नेताओं को तभी पता चल गया था अब लोकसभा चुनाव में टिकिट भी नहीं मिलेगा. लेकिन जब किसी ब्राह्मण का टिकिट काटकर किसी अन्य जाती के सत्तर साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को टिकिट देना क्या बीजेपी की सही रणनित है. क्या यह दोहरा मांपदंड नहीं है जहाँ बीजेपी ने , मुरली मनोहर जोशी , कलराज मिश्र जैसे वरिष्ठ लोंगों को टिकिट देने से मन कर दिया हो वहां बीजेपी एन अम्बेडकरनगर लोकसभा क्षेत्र से 28 दिसम्बर 1945 को जन्मे मुकुट बिहारी वर्मा को टिकिट दे दिया. जिनकी आयु आज 74 वर्ष से ज्यादा है.


जबकि देवरिया लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद कलराज मिश्र की उम्र का हवाला देकर उनका टिकिट काटकर उनकी जगह पर रमापति राम त्रिपाठी को अरसठ वर्ष की उम्र में टिकिट दे दिया. क्योंकि उनके बेटे का टिकिट संतकबीर नगर से जूता काण्ड के चलते काट दिया गया है. अब शरद त्रिपाठी की जगह उनके पिताजी को देवरिया से चुनाव लड़ाया जा रहा है. 


बरेली लोकसभा क्षेत्र से 1 November 1948 को जन्मे संतोष गंगवार को टिकिट मिल गया और मोदी सरकार में पूरी पांच साल मंत्रीमंडल में भी शामिल रहे. अब इस तरह क्या कहा जाएगा. लेकिन राजनीत में सब जायज. हाँ इतना जरुर है कि बीजेपी ने यूपी में जरुर कुछ नए प्रयोग किये है. 

 

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