क्या फिर जलेगा मुजफफरनगर, सुलग रही चिंगारी

Update: 2017-09-17 12:18 GMT
तीन साल पहले भयानक जाट मुस्लिम दंगों को झेल चुका पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जिला मुजफ्फरनगर फिर सांप्रदायिक आग में झूलसने को तैयार है। मुजफ्फरनगर शहर के करीब गांव बरला में बकरीद के दिन किसी मंदिर में किसी जानवर के खून डाले जाने का विवाद जोर पकड़ता जा रहा है।

उस समय तो पुलिस ने हिंदू मुस्लिम पक्षों को आपस में बिठा कर समझौता करा दिया था और शांतिपूर्वक बकरीद भी मनाई गई थी लेकिन हिंदूवादी संगठनों की तरफ से उस मामले में महापंचायत करने के ऐलान ने जिलें को दंगों में झोंकने के आसार पैदा कर दिए हैं। हमारे रिपोर्टर के अनुसार बरला में 21 तारीख को हिंदूवादी संगठनों ने महापंचायत करने का ऐलान किया है जिस पर क्षेत्र के मुसलमानों में खौफ पैदा हो गया है।

अगर वक्त रहते सरकार और प्रशासन नहीं जागा तो समप्रदायिक आधार पर फिर बहुत से लोगों को जान से हाथ धोना पड़ सकता है। हालांकि मुजफ्फरनगर पुलिस प्रमुख अनंत देव तिवारी एक काबिल पुलिस अधिकारी माने जाते हैं और इस मामले में भी वह बड़ी सावधानी से काम ले रहे हैं परंतु हिंदूवादी संगठनों की तरफ से मंदिर पर खून डाले जाने का बदला लेने की धमकी से माहौल में गरमी पैदा हो रही है। देखना यह है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले से कैसे निपटेगी। 

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