दारुल उलूम देवबंद का फतवाः सीसीटीवी कैमरा लगाने को बताया हराम
दारुल उलूम देवबंद की ओर से जारी एक और फतवे ने विवाद को जन्म दिया है। इस फतवे में कहा गया है कि सीसीटीवी कैमरे लगाना गैर-इस्लामिक है
सहारनपुर : उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में स्थित देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद की ओर से जारी एक और फतवे ने विवाद को जन्म दिया है। इस फतवे में कहा गया है कि सीसीटीवी कैमरे लगाना गैर-इस्लामिक है। यह फतवा महाराष्ट्र के एक परिवार के सवाल पर जारी किया गया।
महाराष्ट्र के व्यवसायी अब्दुल्ला माजिद ने इस्लामिक संस्थान को पत्र लिखकर पूछा था कि दुकान और ऐसी जगह पर सीसीटीवी लगाया जा सकता है, जहां पर कई सारे लोगों का आना-जाना हो? फतवा विभाग के तीन मौलानाओं ने मिलकर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने को इस्लाम के खिलाफ बताया।
उन्होंने कहा कि घर और दुकान की सुरक्षा को लेकर कई और रास्ते हैं जिन्हें अपनाया जा सकता है। शरीयत में तस्वीरें खींचना या विडियो बनाना गैर-इस्लामिक है इसीलिए मुस्लिम परिवार सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा सकते।
देवबंद ने इस साल इससे पहले भी कई और विवादित फतवे जारी किए हैं। 2018 की शुरुआत में ही दारुल ने फतवा जारी करके मस्लिम महिलाओं के चमकीले और चुस्त कपड़े पहनने को हराम बताया था।
मेरठ की एक 15 साल की बच्ची के खिलाफ श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक का पाठ करने पर भी फतवा जारी किया गया था। वहीं, एक फतवा में कहा गया था कि ऐसे परिवारों में शादी करना हराम है, जहां लोग बैंक में काम करते हों।