दारुल उलूम का नया फतवा, 'शेविंग और वैक्सिंग कराना शरिया के खिलाफ'

देवबंद के फतवा विभाग ने नाभी के नीचे के हिस्से, बगल और मूंछ के अलावा शरीर के किसी भी अन्य हिस्से के बाल हटाना शरिया के तहत सही नहीं ठहराया है।

Update: 2018-07-20 05:51 GMT

सहारनपुर : मुस्लिम महिलाओं के किसी अनजान मर्द से मेहंदी लगवाने को गैर-इस्लामिक करार देने के बाद दारुल उलूम देवबंद ने एक और अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है। देवबंद ने कहा है कि शरिया के तहत शेविंग कराना सही नहीं है। अब्दुल अजीज नाम के एक शख्स ने पूछा था कि क्या महिलाओं और पुरुषों का शेविंग या हाथ और पैर में वैक्सिंग कराना शरिया के तहत सही है? उसी के जवाब में देवबंद के फतवा विभाग ने नाभी के नीचे के हिस्से, बगल और मूंछ के अलावा शरीर के किसी भी अन्य हिस्से के बाल हटाना शरिया के तहत सही नहीं ठहराया है। 

देवबंद ने अपने लिखित जवाब में कहा, 'वैक्सिंग और शेविंग के जरिए शरीर के हिस्सों से बाल हटाना खिलाफ-ए-अदब है।' इस विवादित फतवे के बारे में जब देवबंद के मौलाना सलीम अशरफ कासमी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'फतवा पूरी तरह सही है और शरिया के नियमों के मुताबिक है। यह ध्यान रखना चाहिए कि फतवे में वैक्सिंग और शेविंग को खिलाफ-ए-अदब कहा गया है, हराम नहीं।'   
इससे पहले भी देवंबद ऐसे विवादित फतवे जारी कर चुका है। मुस्लिम महिलाओं के मेंहदी लगवाने को गैर इस्लामिक करार देने से पहले फरवरी में भी देवबंद ने एक फतवा जारी किया था जिसमें महिलाओं के गैर मर्दों से चूड़ी पहनने को (दुकान पर) इस्लाम के खिलाफ और पाप बताया गया था। 

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