तबस्सुम हसन ने कैराना का किला तो फ़तेह कर लिया , बेटे की हार बैचैन किये हुए है

प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा के क्षेत्र में भाजपा हार गई. वहीं छह बार के सपा विधायक और एमएलसी वीरेंद्र सिंह के गांव जसाला शामली में रालोद प्रत्याशी को कम वोट मिले

Update: 2018-06-03 08:51 GMT

देश में 31 मई को चार लोकसभा और 11 विधानसभा के चुनाव परिणाम आ रहे थे. लेकिन जितनी चाहत से लोग कैराना लोकसभा उपचुनाव परिणाम जानने की कोशिश कर थे उतनी चाहत से किसी और परिणाम को चिंतित नहीं थे. कारण भी था पहली बार पीएम से लेकर सीएम और पूरे सूबे की सरकार चुनावी खेल खेल रही थी. बातों ही बातों में रोज एक दुसरे को पराजित कर रहे थे. लकिन विपक्ष में सिर्फ दो ही लोग थे जो प्रचार में मुख्यतः लगे हुए थे. खैर कैराना पर बीजेपी की हार हो गई तबस्सुम हसन चुनाव का किला फतह कर गई. लेकिन जब विधान सभा वाइज रिजल्ट देखा तो हैरान रह गई. विधायक बेटे नाहिद हसन की विधानसभा में वो चुनाव हार गई थी.


लेकिन इस चुनाव का अगर हम विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि इस चुनाव में क्षेत्रवार ऐसे परिणाम आए, जिन्हें जानकर हर कोई चौंक जाएगा. यहां जिन क्षेत्रों में जिस पार्टी के नेता का दबदबा था, उसी क्षेत्र में उस पार्टी के उम्मीदवार को कम वोट मिले. यहां तक कि तबस्सुम हसन अपने ही बेटे के क्षेत्र कैराना विधानसभा में चुनाव हार गईं.भले तबस्सुम ने चुनाव में मृगांका सिंह को हरा दिया हो, लेकिन कैराना विधानसभा सीट पर वह हार गईं. यहां से तबस्सुम के बेटे नाहिद हसन विधायक हैं. तबस्सुम हसन को यहां 79378 वोट मिले, वहीं मृगांका को 93195 वोट मिले. इस तरह कैराना विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी को 13817 वोट मिले. इतना ही नहीं इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने अपना वोट शेयर बढ़ा लिया है.


प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा के क्षेत्र में भाजपा हार गई. वहीं छह बार के सपा विधायक और एमएलसी वीरेंद्र सिंह के गांव जसाला शामली में रालोद प्रत्याशी को कम वोट मिले. यहां तबस्सुम हसन को 710 और भाजपा की मृगांका सिंह को 1938 वोट मिले. भाजपा जिलाध्यक्ष पवन तरारा के गांव सिलावर में भाजपा को 1068 वोट मिले तो रालोद प्रत्याशी को 1357 वोट मिले. 


बता दें कि तबस्सुम हसन को यह टीस सालती जरुर रहेगी. इतनी बड़ी जीत का स्वाद अगर एक जगह बिगड़े वो भी अपने घर में तो हैरानी और बैचैनी तो जाहिर है. 


 

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