आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। चिकित्सक धरती पर भगवान का दूसरा रुप होता है। भगवान तो एक बार जीवन देता है, किंतु डॉक्टर हमारी अमूल्य जान को बार-बार बचाता है।लेकिन बीएचयू अस्पताल में इसका उल्टा मामला सामने आया है। यहाँ संवेदनहीन डाक्टर इलाज कराने आये बीएचयू छात्र की जान बचाने की बजाय लेने पर ही तुल गए।
दरअसल सोनबरसा के रहने वाले बीएचयू के छात्र आकाश मिश्रा (शास्त्री तृतीय वर्ष) हार्निया से पीड़ित होने पर इलाज के लिए अपने साथी प्रसून के साथ बीएचयू अस्पताल गए। वहा उनको सर्जरी में रेफर कर दिया गया।
आकाश का आरोप है कि सर्जरी के डाक्टरों ने कुछ लोगों का उपचार करने के बाद शेष मरीजों का उपचार करने से इन्कार कर दिया। कारण और कर्तव्य की बात पूछने पर डाक्टरों ने आकाश व उसके साथी प्रसून पर धारधार औजार से हमला कर के गम्भीर रूप से घायल कर दिया। आकाश का आरोप है कि वो किसी प्रकार बच के निकल गया नहीं तो डॉक्टर उसकी जान ही ले लेते।
आकाश के सर में गम्भीर चोटें आयी हैं। प्राथमिक उपचार कराने के बाद आकाश ने लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले में बीएचयू चौकी इंचार्ज महेश मिश्र ने बताया कि डा एके खन्ना और डा पुनीत का नाम सामने आया है जाँच कर कार्रवाई की जा रही है।