PM मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाढ़ का कहर, बुनकरों के घरों में घुसा पानी, बन्द पड़े करघे
वाराणसी में गंगा का पानी तेजी से बढ़ रहा है. बाढ़ (Flood) की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी वाराणसी के बुनकरों को हो रही है?;
वाराणसी में गंगा का पानी तेजी से बढ़ रहा है. बाढ़ (Flood) की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी वाराणसी के बुनकरों को हो रही है, क्योंकि पानी बुनकरों के घरों में घुस गया है. पिछले एक हप्ते से घरों में पानी भरा हुआ है, जिसकी वजह से हैंडलूम और पावर लूम बन्द पड़े हैं, क्योंकि मशीनों के नीचे पानी भर गया है. बुनकरों का कहना है कि अगर आज से पानी उतरना शुरू भी हो जाय तो इन्हें शुरू होने में लगभग एक महीने का वक्त लगेगा, क्योंकि आम तौर से मशीन थोड़ी गढ्ढे में लगाई जाती हैं, ताकि उसपर बैठ कर उसे चलाया जा सके. यदि गढ्ढे में पानी भर जाएगा तो उसे निकलने और सूखने में कई हप्ते लगेंगे.
Varanasi: Buildings in low-lying areas of city partially submerged due to rise in water level of river Ganga. Machines in handlooms of also partially submerged, weavers say "We don't know how long will this persist. Cleaning these machines will take up months. We'll suffer loss." pic.twitter.com/HBASauEh5D
— ANI UP (@ANINewsUP) September 21, 2019
सूखने के बाद मशीनों को फिर से रिपेयर किया जाएगा, तब जाकर ये करघे कहीं काम करने लायक होंगे. जिन इलाकों में सबसे घनी बस्ती बुनकरों की है, उसमें नक्खी घाट, रमना, डाफी और मारुति नगर हैं. इन इलाकों में बुनकरों के अलावा दूसरे लोग भी रहते हैं. जिन्हें घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा है. कल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वराणसी गए थे और बाढ़ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण भी किया था, लेकिन इन बुनकर बस्तियों की तरफ कोई जाने को तैयार नहीं है.
प्रयागराज में भी बाढ़ का कहर:
वाराणसी के अलावा प्रयागराज (इलाहाबाद) में भी बाढ़ का कहर है. प्रयागराज के कई इलाके बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. एक इलाके में घरों की एक मंजिल पानी में डूबी दिख रही है. लोग नावों से इधर-उधर आ-जा रहे हैं. दूसरी तरफ नेपाल में लगातार बारिश का असर बिहार के दरभंगा ज़िले में दिख रहा है. स्थानीय कमला बालान नदी उफान पर है. ज़िले के कई इलाक़ों में बाढ़ का पानी घुस गया है. स्कूल से लेकर लोगों के घरों तक में पानी भरा हुआ है. लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.