आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। परिवहन निगम कार्यालय वाराणसी में तैनात एक ऐसे बाबू हैं, जो फाइलें आगे बढ़ाने के लिए रुपया मांगता हैं। रुपया ना मिलने पर फाइलें लटका देता हैं। यहां तक कि काम खराब करने के लिए फाइल या रिकार्ड को गायब भी कर देता है। स्थापना बाबू पर भ्रष्टाचार का यह आरोप हम नही बल्कि एक संविदा परिचालक लगा रहा है।
बताया जाता है कि परिवहन निगम वाराणसी के ग्रामीण डिपो में तैनात संविदा परिचालक जय प्रकाश दुबे ने विभाग के स्थापना बाबू आदिल पर आरोप लगाते हुए कहा कि अहर्ता पूर्ण करने वाले संविदा कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति लिस्ट मुख्यालय भेजी जा रही थी। आरोप है कि आदिल बाबू ने 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगी। नही देने पर साजिश कर उसे 1998 से 2005 तक लगातार 7 साल अनुपस्थित दिखाया और सूचना मुख्याल भेज दी ताकि नियुक्ति रुक जाए।
दुबे का आरोप है कि स्थापना बाबू की कारगुजारियों के चलते उसकी नियुक्ति नियमित नही हो पाई। यही नही शिकायत करने पर बाबू ने पत्रावली से 7 साल का रिकार्ड पन्ना ही गायब कर दिया है।
भ्रष्टाचार के इस मामले की शिकायत पीड़ित ने पीएम,सीएम,डीएम,प्रबन्धक परिवहन निगम के साथ साथ सिगरा थाने में की है।