आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। शहर को जाम से मुक्त कराने व स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलाने की मुहिम को लेकर लंका पर चल रहे अतिक्रमण अभियान के दौरान उस वक्त मामला गरमा गया जब एक चाय की दुकान को जेसीबी से तोड़ दिया गया।
बताया जाता है कि लंका क्षेत्र में गुमटी, ठेला खोमचे वालों को जेसीबी से हटवाते हुए जब एक रेस्टोरेंट के सामने स्थित चाय की गुमटी को तोड़ी गई तो इससे नाराज लोगों ने रेस्टोरेंट में जमकर तोड़-फोड़ की। हालांकि लंका पुलिस ने सभी को खदेड़ दिया और तीन युवको को पकड़ कर लंका थाने ले गई।
तोड़फोड़ करने वालों का आरोप था कि दस्ते वाले रेस्टोरेंट को तोड़ने की बजाय गरीबों का शोषण कर रहे हैं जबकि अमीरों को छोड़ दे रहे हैं।अतिक्रमण हटाने के नाम पर पुलिस-प्रशासन ने गरीबों की दुकानों को तोड़ दिया, लेकिन रसूखदारों को मोहलत दे दी।पीड़ितों का कहना है कि अतिक्रमण की कार्यवाही करना है तो सभी पर बराबर करें।
दूसरी तरफ गुमटी में चाय बेचने वाले सदानंद ने आरोप लगाते हुए बताया कि कई वर्षों से दुकान का मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद किसी व्यक्ति विशेष के दबाव में दस्ते ने हमारी गुमटी को तहस नहस कर दिया।अतिक्रमण अभियान चलने के पहले एसीएम प्रथम से गिड़गिड़ाता रहा और कागज दिखाने की बात भी कहता रहा लेकिन हमारी किसी ने नही सुनी। रसूखदारों को मोहलत दे दी,मैं गरीब था इसलिए मेरी दुकान तोड़ दी।
अतिक्रमण दस्ते में एसीएम प्रथम सुशील गोंड, सीओ भेलूपुर अयोध्या प्रसाद सिंह, नगर निगम जोनल अधिकारी समेत अन्य शामिल थे।