आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी।संघ प्रमुख मोहन भागवत आज संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित संघ समागम कार्यक्रम में हजारों स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम राष्ट्र भक्त हैं। हमारी राष्ट्रीयता किसी सत्ता से जुड़ी नहीं है।उन्होंने कहा कि पहले संघ का काफी विरोध था लेकिन अब लोगों विश्वास बढ़ा है।
कुछ लोग जो विरोध करते हैं वो भी हमारे ही हैं। संघ का मुख्य उद्देश्य समाज को संगठित करना है। इसका मतलब भीड़ इकट्ठा करना नहीं, बल्कि एक लक्ष्य के लिए सभी का एकत्रित होना है। यह शक्ति प्रदर्शन नहीं बल्कि एक लक्ष्य प्राप्ति के लिए संगठित का निर्माण करना है।
उन्होंने कहा कि संघ में केवल देने का काम होता है। टिकट नही मिलता। आप केवल खटते(मेहनत करते) रहेंगे, कभी गले में एक माला क्या एक फूल भी नही पड़ेगा। हम स्वयं सेवक को कुछ मिलना जुलना नही है। हमको तो राष्ट्र की सेवा करनी है और हम करते ही रहेंगे। हमको किसी से भी कोई अपेक्षा नहीं है।उन्होंने कहा कि भारत का सर्वत्र जय जय हो हमे ऐसा भारत खड़ा करना है।