मानसिक अस्पताल: चौंकाने वाली हकीकत सामने आई

बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या जिले के अस्पतालों में फायर फायटिंग सिस्टम की व्यवस्था है ?;

Update: 2018-05-11 03:47 GMT
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या जिले के अस्पतालों में फायर फायटिंग सिस्टम की व्यवस्था है ? यदि कहीं है तो आग लगने की स्थिति में आग बुझाने में यह कितना कारगर है ? इसको लेकर कितने लोग प्रशिक्षित किए गए हैं ? जब हमने मानसिक अस्पताल में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेकर इन सवालों का जवाब ढूढ़ने की कोशिश की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। ज्यादातर सवालों के जवाब ना में ही मिले।  
अस्पतालों में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। यहां आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों की सुरक्षा को लेकर शासन की ओर से जारी किए निर्देश सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गए हैं। यहां मानकों का पालन नहीं हो रहा है। अग्निशमन विभाग खुद यह बता रहा है, अस्पतालों में अनहोनी होने की दशा में अग्निशमन टीम का ही सहारा है।
अग्निशमन विभाग की ओर से जारी निर्देशों के बावजूद अस्पताल प्रबंधन इस ओर गंभीर नहीं है और प्रशासन की ओर से भी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।ऐसी हालत में यदि कोई अनहोनी इस अस्पताल में होती है तो यहां भर्ती सैकड़ो मानसिक मरीजों की जान खतरे में होगी।

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