मुग़लसराय दीनदयाल बन गया और इलाहाबाद प्रयागराज, लेकिन वाराणसी कब 'क्योटो' बनेगा मोदी जी.....?
आजकल उत्तर प्रदेश में शहरों का नाम बदलने का प्रयास बड़े जोर शोर पर है. पहले मुगलसराय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से बदला गया अब इलाहाबाद का नाम प्रयाग हो गया. लेकिन जिस वादा को मंच से पीएम कई बार कह चुके हों कि वनारस को क्योटो बनाना है तो उसका नामकरण कब होगा बनारस क्योटो कब बनेगी?
जिस प्रकार से देश के विकास में जितनी रूचि सरकार को नहीं है जितनी किस कार्य के करने से जनता आपस में भिड सकती है इस बात पर है. इसलिए सरकार हर संभव मौके पर एक ऐसा कार्य करना चाहती है जिससे प्रदेश में आपसी भाईचारे का माहौल गर्मागर्म बना रहे. हिन्दू मुस्लिम से नाराज रहे तभी तो हिंदुत्व का इंजेक्शन उसके शरीर में पेवस्त हो पायेगा अन्यथा यह इंजेक्शन फेल हो जायेगा.
चलो अब अविकसित इलाहाबाद का प्रयाग नाम होने के बाद विकास हो जाएगा. इलाहाबाद को वैसे भी लोग प्रयाग नाम से जानते है. एक गाडी भी दिल्ली से रोज इलाहाबाद जाती है जिसका नाम प्रयागराज एक्सप्रेस है. लेकिन अब इलाहाबाद का नाम भी प्रयाग हो गया. इससे किसी को कोई हर्ज भी नहीं है. नाम बदलने से उस शहर की पहचान खत्म नहीं होती है. देखना अब यह होगा कि अलीगढ़ अब कब हरिगढ़ होगी और भी कई शहरों के नाम कब तक बदले जायेंगे.